‘थैंक गॉड’ चलचित्र के विरुद्ध जौनपुर (उत्तर प्रदेश) में पुलिस थाने में अपराध प्रविष्ट !

चलचित्र द्वारा हिन्दुओं के देवता चित्रगुप्त की विडंबना करने का प्रकरण

चलचित्र के अभिनेता अजय देवगण एवं सिद्धार्थ मल्होत्रा

जौनपुर (उत्तर प्रदेश) -‘थैंक गॉड’ चलचित्र के प्रसारित ‘ट्रेलर’ में (चलचित्र प्रदर्शित होने से पूर्व उसका संक्षिप्त आशय दर्शानेवाले वीडियो में) हिन्दुओं के देवता चित्रगुप्त की विडंबना की गई है । इसके लिए हिमांशु श्रीवास्तव नामक एक धर्मप्रेमी हिन्दू ने पुलिस में परिवाद प्रविष्ट किया है । पुलिस द्वारा चलचित्र के अभिनेता अजय देवगण, सिद्धार्थ मल्होत्रा तथा निर्देशक इंदर कुमार के विरुद्ध अपराध प्रविष्ट करने पर जौनपुर के दिवानी न्यायालय ने याचिका पर १८ नवंबर को सुनवाई करने के आदेश दिए हैं । यदि ‘चलचित्र २५ अक्तूबर को प्रसारित होनेवाला है, तो सुनवाई का दिनांक इतना आगे क्याें रखा गया ?’, सामाजिक माध्यम ऐसे प्रश्न उपस्थित कर रहे हैं ।

प्रकरण क्या है ?

‘ट्रेलर’ में दर्शाए गए एक प्रसंग में अभिनेता अजय देवगण स्वयं को ‘चित्रगुप्त’ का रूप बताते हैं तथा अभिनेता सिद्धार्थ मल्होत्रा के कर्म के लेखा-जोखा (हिसाब) की बातें करते हैं । इस समय देवगण के संवाद देवता के उपहास उडाने समान हैं । इस अवसर पर देवगण अर्थात चित्रगुप्त के बगल में अर्धनग्न लडकियां खडी दिखाई दे रही हैं । परिवादकर्ता हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि भगवान चित्रगुप्त न्याय के देवता हैं । वे कर्माें की गणना करके पाप एवं पुण्य का लेखा-जोखा रखते हैं । क्या इसके अनुसार किसी मनुष्य को दंडित अथवा पुरस्कृत किया जाना चाहिए ? यह निश्चित किया जाता है । चलचित्र में चित्रगुप्त भगवान का अपमान करने के कारण हमारी धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं ।

संपादकीय भूमिका

  • हिन्दुओं के देवताओं की विडंबना होने पर परिवाद क्याें प्रविष्ट करनी पडती है? ‘बहुसंख्यक हिन्दुओं के देश में सरकार को ही इस पर कार्यवाही करनी चाहिए’, सभी हिन्दुओं को ऐसा ही प्रतीत होता है ।
  • ‘हिन्दुओं के देवताओं का निस्संकोच होनेवाली विडंबना पर कोई भी कार्यवाही नहीं होती । हिन्दुओं की सहनशीलता का अंत देखा जा रहा है’, ऐसा प्रतीत होकर यदि किसी हिन्दू ने कानून हाथ में लिया, तो क्या होगा, सरकार को पहले ही इसका विचार कर ईशनिंदा कानून पारित कर देना चाहिए, हिन्दुओं को ऐसा भी प्रतीत होता है !