एक सिनेमाघर में भगदड का प्रकरण
भाग्यनगर (तेलंगाना) – यहां ‘संध्या’ सिनेमा हॉल के बाहर हुई भगदड के सिलसिले में पुलिस ने अभिनेता अल्लू अर्जुन को हिरासत में ले लिया। इसके बाद उन्हें १४ दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। अल्लू अर्जुन ने जमानत के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, जिसके बाद न्यायलय ने उन्हें अंतरिम जमानत दे दी। अल्लू अर्जुन की फिल्म ‘पुष्पा २’ रिलीज हो गई है। इससे पहले यह फिल्म भाग्यनगर के ‘संध्या’ सिनेमा में प्रदर्शित होने वाली थी। उस समय अल्लू अर्जुन भी उपस्थित थे। उस वक्त उन्हें देखने के लिए लोगों की भीड बढ गयी। उस समय मची भगदड में एक महिला की मौत हो गई और उसका बेटा गंभीर रूप से घायल हो गया। इस घटना को लेकर चिक्कडपल्ली पुलिस स्टेशन में इस प्रकरण की शिकायत दी थी। (पुलिस और प्रशासन, जो कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिम्मेदार हैं, इस घटना के लिए समान रूप से जिम्मेदार हैं। उनकी भी जांच की जानी चाहिए ! – संपादक) पुलिस का कहना है कि अल्लू अर्जुन संध्या सिनेमा हॉल उपस्थित होंगे यह उन्होंने पुलिस को सूचित नहीं किया। लेकिन अल्लू अर्जुन ने जानकारी दी कि उन्होंने पुलिस को पूर्वसूचना दी थी।
Breaking News: Actor Allu Arjun Granted Interim Bail in the Sandhya theatre Stampede case.
The Police and administration, responsible for upholding law and order, are equally responsible.
An investigation into their role is equally essential.
Revanth Reddy I #Congress… pic.twitter.com/dX8dZzAYxi
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) December 13, 2024
🚨 BJP MLA T Raja Singh slams the Revanth Reddy led Congress led Govt of Telangana – Defends Allu Arjun!@TigerRajaSingh believes it’s a clear case of Police failure and lapses in crowd management. 🚨
He slammed the Congress government for targeting a celebrated icon instead of… pic.twitter.com/VfK6o5V7ep
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) December 13, 2024
अल्लू अर्जुन ने ११ दिसंबर को हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और पुलिस द्वारा लिखित अपराध को रद्द करने की मांग की। उन्होंने कहा, ”यह दुखद है कि इस घटना में एक महिला की मौत हो गई। स्वाभाविक रूप से, मैं फिल्म स्क्रीनिंग के लिए सिनेमाघर जाता हूं। मैं पहले भी कई बार सिनेमा घर जा चुका हूं ; लेकिन ऐसी घटनाएं कभी नहीं हुईं । मेरे विरुद्ध अपराध प्रविष्ट करना न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग है । इस मामले से मेरी प्रतिष्ठा और सम्मान को ठेस पहुंचने की संभावना है।”