राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण और आतंकवाद विरोधी दल कर रहे हैं जांच-पडताल
नई देहली – राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण और आतंकवाद विरोधी दल को उत्तर प्रदेश के झांसी और कानपुर में रेल गाड़ियों को पटरी से उतारने के षड्यंत्र में मदरसों का हाथ होने की जानकारी मिली है । इस्लामी कट्टरवादी और आतंकवादी इंटरनेट के माध्यम से मुसलमान युवकों को बहका कर उनका उपयोग देशविरोधी कार्यों में कर रहे हैं । उनका संबंध मदरसों से भी है । इस विषय में ठोस जानकारी जुटाना के लिए ये जांचदल अनेक स्थानों पर छापे मार रहे हैं । इन घटनाओं में विदेशी निधि के स्रोत का पता लगाया जा रहा है । इस संदर्भ में २ दिन पहले यहां छापेमारी कर मदरसा शिक्षक मुफ्ती खालिद नदवी से १८ घंटे पूछताछ की गई । इस समय स्थानीय मुसलमानों ने, विशेष कर महिलाओं ने, नदवी को जांचदल के अधिकारियों के नियंत्रण से छुड़ा लिया था । परंतु, उसे पुनः पकड़ लिया गया । पूछताछ के बाद उसे छोड़ दिया गया ।
The NIA and ATS have received information linking m@dr@sas to the conspiracy behind derailment of trains in Jhansi and Kanpur in Uttar Pradesh
This indicates that J!h@d! terrorism is no longer limited to shootings and bombings but also involves such efforts aimed at harming… pic.twitter.com/L9YDTB7fNi
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) December 14, 2024
१. ३ माह पहले साबरमती एक्सप्रेस और कालिंदी एक्सप्रेस को झांसी और कानपुर के आसपास पटरी से उतारने का प्रयास किया गया । ‘वन्देे भारत’ गाड़ी पर पथराव किया गया ।
२. ऑनलाईन धार्मिक शिक्षा देनेवाले अनेक लोगों के वीडियो भी सामने आए हैं, जिनमें अनुयायियों को रेलगाड़ी पटरी से उतारने के लिए उत्तेजित किया जा रहा है । जांचदल अब ऐसे लोगों का पता लगा रहा है ।
संपादकीय भूमिकाइससे पता चलता है कि जिहादी आतंकवाद केवल गोलीबारी और बम विस्फोटक तक सीमित न रहकर ऐसी गतिविधियों के माध्यम से भारत को आर्थिक दृष्टि से दुर्बल बनाने का भी प्रयत्न कर रहे हैं । इस कारण अब देश में मदरसों पर प्रतिबंध लगाने की मांग करना आवश्यक हो गया है । ऐसा होने के लिए हिन्दू संगठनों को संगठित होकर सरकार पर दबाव डालना चाहिए ! |