सीवूड्स के ‘बेथेल गोस्पेल चर्च’ के पादरी ने और ३ अल्पवयीन लडकियों का लैंगिक शोषण करने का परिवाद !

बेथेल गोस्पेल चैरिटेबल ट्रस्ट के चर्च में बिना अनुमति बालगृह चलानेवाले पादरी राजकुमार येशुदासन

नई मुंबई – सीवूड्स के ‘बेथेल गोस्पेल चैरिटेबल ट्रस्ट’ के चर्च में बिना अनुमति बालगृह चलानेवाले पादरी राजकुमार येशुदासन द्वारा और ३ अल्पवयीन लडकियों का लैंगिक शोषण करने की बात उजागर हुई है । इस प्रकरण में जिला बाल सुरक्षा अधिकारी रामकृष्ण रेड्डी ने स्वयं आगे आकर एन.आर.आइ. पुलिस थाने में येशुदासन के विरुद्ध लैंगिक शोषण के और ३ परिवाद प्रविष्ट किए हैं । इन परिवादों से ३ स्वतंत्र अपराध प्रविष्ट किए गए हैं । ‘चर्चद्वारा चलाए जानेवाले बालगृह में किसी का भी लैंगिक शोषण नहीं हुआ है ।’ इस प्रकार पत्रकार परिषद आयोजित कर बतानेवाले ए.आर.के. फाऊंडेशन का दावा खोखला सिद्ध हुआ है ।

१. इससे पूर्व चर्च के बालगृह से मुक्त की गई एक १४ वर्षीय लडकी का लैंगिक शोषण करने की बात उजागर होने के पश्चात अगस्त माह में एन.आर.आइ. पुलिस थाने में महिला एवं बाल विकास विभाग की महिला अधिकारी ने येशुदासन के विरुद्ध लैंगिक शोषण के विषय में परिवाद किया था । येशुदासन के विरुद्ध अब इस प्रकरण में विनयभंग तथा पोक्सो धारा के अनुसार कुल मिला कर ४ अपराध प्रविष्ट किए गए हैं ।

२. अगस्त माह में जिला बाल सुरक्षा समिति द्वारा इस चर्च पर छापा मार कर ४५ अल्पवयीन बच्चाों को मुक्त किया गया । इनमें १३ लडकियाें का समावेश था । तब से येशुदासन कैद में है ।

३. इस प्रकरण में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा किए गए अन्वेषण में पादरी येशुदासन द्वारा लैंगिक शोषण करने की जानकारी ३ और अल्पवयीन लडकियों ने दी । इनमें १३ तथा १४ वर्षीय राजस्थान की २ बहनों का समावेश है ।

४. उसी प्रकार एक १० वर्षीय लडकी ने भी ऐसी ही जानकारी दी । नगर में छात्रावास तथा बालगृह चलाने हेतु शासन द्वारा अनुमति लेनी चाहिए, अन्यथा संबंधित लोगों पर कार्यवाही की जाएगी, रेड्डी ने ऐसा आवाहन किया है ।

संपादकीय भूमिका

प्रसारमाध्यम ऐसे समाचारों को विस्तार से प्रसारित क्याें नहीं करते ? यदि कोई एक हिन्दू संत पर इस प्रकार के झूठे आरोप लगाए गए होते, तो अब तक ‘ब्रेकिंग न्यूज’ के रूप में यह समाचार दिखाया गया होता !