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वाराणसी (उत्तर प्रदेश) – ‘सर तन से जुदा’ षड्यंत्र की जांच कर इसके अंतर्गत की जानेवाली हत्याओं में संलिप्त ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई)’ जैसे इस्लामी संगठनों पर तत्काल प्रतिबंध लगाया जाए, साथ ही विद्यालयों का इस्लामीकरण करनेवाले प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों का वेतन रोका जाए; इन मांगों के लेकर जिलाधिकारी के माध्यम से केंद्रीय गृहमंत्री एवं केंद्रीय शिक्षामंत्री को ज्ञापन प्रस्तुत किया गया । इस अवसर पर अधिवक्ता संजीवन यादव, अधिवक्ता अरुण मौर्य, अधिवक्ता मदन मोहन यादव,
हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. राजन केशरी, श्री. प्रमोद गुप्ता, श्री. रितेश गुप्ता आदि उपस्थित थे ।
‘सर तन से जुदा’ का नारा देकर संपूर्ण देश में एक के पश्चात एक हिन्दुओं की चुन-चुनकर हत्याएं की जा रही हैं । कानपुर की ‘फ्लोरेट्स इंटरनेशनल स्कूल’ में छात्रों को कलमा (इस्लामी प्रार्थना) सिखाई जा रही हैं, साथ ही झारखंड, बंगाल, बिहार आदि अनेक राज्यों में रविवार की सरकारी छुट्टी के स्थान पर शुक्रवार को छुट्टी दी जा रही है और हिन्दी के स्थान पर उर्दू भाषा का उपयोग किया जा रहा है । कुछ दिन पूर्व झारखंड के भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा में बताया कि अनुमानित १ सहस्र ८०० विद्यालयों में रविवार के स्थान पर शुक्रवार को छुट्टी देकर देश का इस्लामीकरण किया जा रहा है; इसलिए इन घटनाओं की व्यापक जांच कर कार्यवाही की जाए ।
अन्य मांगें
१. रविवार के स्थान पर शुक्रवार को छुट्टी देनेवाले राज्यों में केंद्रीय अन्वेषण बल भेजकर इसकी व्यापक स्तर पर जांच की जाए ।
२. ‘सर तन से जुदा’ के षड्यंत्र में संलिप्त लोगों पर ‘गैरकानूनी कृत्य प्रतिबंधक कानून (यूएपीए)’ के अंतर्गत अपराध प्रविष्ठ किए जाएं ।
३. जिन हिन्दुत्वनिष्ठ नेताओं को जिहादियों से प्राणों का संकट है, ऐसे नेताओं को संरक्षण दिया जाए । ॐ