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चंडीगड – पंजाब की पाक सीमा पर बटाला, गुरदासपुर, जालंधर, लुधियाना, फतेहगढ चूडिया, डेरा बाबा नानक, मजीठा, अजनाला एवं अमृतसर, इन जिलों के ग्रामीण भागों में ईसाई धर्मप्रचारक भारी मात्रा में सिक्खों का धर्मपरिवर्तन कर रहे हैं । इस विषय में सिक्खों के धार्मिक पीठ अकाल तख्त के जत्थेदार (प्रमुख) ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने आरोप किया है कि इन गावों में ईसाई धर्मप्रचारक सिक्खों को पैसों का प्रलोभन देकर उनका बलपूर्वक धर्मपरिवर्तन कर रहे हैं । यह सिक्ख धर्म पर आक्रमण है । इसे हम सहन नहीं करेंगे ।
सिखों में जाट-दलित विभाजन का फायदा उठा रहे मिशनरी, पंजाब में बढ़ रही ‘पगड़ी वाले ईसाइयों’ की संख्या: 8000 गाँवों में ईसाई समितियाँ, अकेले 2 जिलों में 600+ चर्च#Punjab https://t.co/M2zbbYZILh
— ऑपइंडिया (@OpIndia_in) July 18, 2022
१. शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी के पास इस संदर्भ में अनेक परिवाद आने से इस कमिटी ने इन घटनाओं को गंभीरता से लिया है । इस कमिटी ने एक समिति नियुक्त कर गांव-गांव में जाकर सिक्खों में जागृति आरंभ की है ।
२. ‘युनाइटेड क्रिश्चियन फ्रंट’की आकडेवारी के अनुसार पंजाब में १२ सहस्र गावों में से ८ सहस्र गावों में ईसाइयों ने धार्मिक समितियां स्थापित की हैं । अमृतसर एवं गुरदासपुर जिलों में ईसाइयों के ६०० से ७०० चर्च हैं । इनमें से ७० प्रतिशत चर्च पिछले ५ वर्षाें में निर्माण किए गए हैं ।
३. ईसाइयों द्वारा धर्मपरिवर्तन किए जाने पर उनके रहन-सहन एवं वेशभूषा में किसी भी प्रकार का परिवर्तन करने के लिए नहीं बताया जाता । इसलिए यह ध्यान में नहीं आता कि ‘वे ईसाई हो गए हैं ।’ केवल उपनाम में ‘मसीह’ शब्द लगाया जाता है । इस धर्मपरिवर्तन में बहुसंख्या में दलित हैं; परंतु अधिकृत धर्मपरिवर्तन न दिखाई देने से उन्हें दलितों को मिलनेवाली सर्व सुविधाएं मिल रही हैं ।
संपादकीय भूमिका
‘केंद्र सरकार धर्मपरिवर्तन विरोधी कानून कब बनाएगी ?’, ऐसा प्रश्न हिन्दुओं के मन में सतत निर्माण हो रहा है !