बुलडोजर की कार्यवाही कानून के अनुसार होनी चाहिए ! – उच्चतम न्यायालय

मुसलमान दंगाइयों के अनधिकृत घरों पर कार्यवाही करने का प्रकरण

नई दिल्ली – उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार की बुलडोजर कार्यवाही के विरोध में प्रविष्ट याचिका पर उच्चतम न्यायालय में सुनवाई हुई । सरकारी महाधिवक्ता (सॉलिसिटर जनरल) तुषार मेहता ने सरकार का पक्ष रखते हुए इस कार्यवाही को योग्य ठहराया, जबकि याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सी.यू.सिंह ने इस पर रोक लगाने की मांग की । इस समय उच्चतम न्यायालय ने उत्तरप्रदेश सरकार को अनधिकृत निर्माणकार्य हटाते समय कानूनी प्रक्रिया का यथातथ्य पालन करने का निर्देश दिया । न्यायालय ने इस प्रकरण में उत्तर प्रदेश सरकार, साथ ही प्रयागराज और कानपुर विकास प्राधिकरण से ३ दिनो में उत्तर मांगे हैं । अब इस याचिका पर सुनवाई अगले सप्ताह होनेवाली है ।

महाधिवक्ता तुषार मेहता ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने इसके पहले ही संबंधितों को नोटिस दी थी । किसी पर गलत कार्यवाही नहीं हुई । सरकार किसी भी विशेष समाज को लक्ष्य नहीं करती ।

२० वर्ष से अधिक समय से घर बने हैं ! – आंदोलनकारियों के अधिवक्ता

याचिकाकर्ताओं की ओर से युक्तिवाद करते समय अधिवक्ता सिंह ने कहा कि हिंसा में सहभागी आंदोलनकारियों पर कार्यवाही कहकर विध्वंस किया जा रहा है । पुन: पुन: होनेवाला विध्वंस चौंकानेवाला और भयानक है । ये घर २० वर्षों से अधिक समय से खडे हैं और कभी ये आरोपियों के न होकर उनके वृद्ध मां-बाप के थे ।

इस कारण दंगाइयों के घर अधिकृत होते हैं, इसका अर्थ ऐसा नहीं होता । मूल रूप से अनधिकृत घरों को अधिकृत ठहराने का यह प्रयास निषेध करने योग्य है । ऐसे सभी लोगों पर सरकार को कठोर कार्यवाही करनी चाहिए ।