नई देहली – टीकाकरण के लिए किसी पर भी दबाव नहीं डाल सकते हैं, सर्वोच्च न्यायालय ने ऐसा निर्णय दिया है । कोरोना का टीका लेना अनिवार्य करने के विरुद्ध न्यायालय में याचिका प्रविष्ट की गई थी ।
न्यायालय ने अपने निर्णय में कहा, कि टीकाकरण के लिए दबाव डालना संविधान के विरुद्ध है । संविधान कीधारा २१ अंतर्गत शारीरिक स्वायत्तता का रक्षण किया गया है । किसी को भी टीकाकरण के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता, सरकार मात्र कुछ नियम बना सकती है ।
A Supreme Court hearing on the government's current vaccination policy said no one can be forced to get vaccinated, the government's policy is not unreasonable.@RheemaParashar provides more information in this report.#COVIDVaccine pic.twitter.com/9h56pxrNcF
— DD News (@DDNewslive) May 2, 2022
टीका न लेनेवालों को सार्वजनिक स्थल के लिए प्रतिबंधित करना सरकारों की मनमानी है !
इस समय न्यायालय ने कहा, ‘कुछ राज्य सरकाररों द्वारा टीका न लिए हुए लोगों को सार्वजनिक स्थानों पर प्रवेश प्रतिबंधित करना, यह उनकी मनमानी है । वर्तमान स्थिति में ये नियम निरस्त करने चाहिए । कोरोना रुग्ण संख्या न्यून है तबतक सार्वजनिक स्थलों पर किसी भी व्यक्ति के लिए बंधन नहीं होने चाहिए, कदाचित नियम हों, तो उन्हें निरस्त किया जाए, न्यायालय ने ऐसा निर्णय भी दिया है ।