‘मुसलमानों के कत्लेआम पर भी फिल्म निर्माता को चलचित्र बनाना चाहिए !’

मध्य प्रदेश के आई.ए.एस. नियाज खान का झुंझलाहट में चीखना !

  • जब धर्मांध कट्टरपंथियों और जिहादियों की क्रूरता को संसार के सामने प्रकाश में लाया जाता है, तो उनके धार्मिक भाइयों में पेट में दर्द होता है ; फिर वो चाहे कितना भी शिक्षित हो । यह इसका एक हृदय विदारक उदाहरण है ! ऐसा प्रशासनिक अधिकारी, पीडित हिन्दुओं को क्या न्याय देगा ? – संपादक

 

  • जब मुसलमानों के साथ अन्याय होता है, तो कम्युनिस्ट, धर्मनिरपेक्षतावादी, बुद्धिजीवी सभी हिंदुओं पर टूट पडते हैं ; किंतु, “सत्य खान” को यह ध्यान रखना चाहिए, कि जब कट्टरपंथी भीषण कांड करते हैं, तो उन्हें ढक दिया जाता है ! – संपादक
आई.ए.एस. नियाज खान

भोपाल – कश्मीरी हिन्दुओं के नरसंहार पर आधारित चलचित्र, ‘द कश्मीर फाइल्स’ को जहां एक ओर देशभर से प्रचंड प्रतिसाद मिल रहा है, वहीं दूसरी ओर धर्मांध कट्टरपंथी और हिन्दू द्वेषी इसका विरोध भी कर रहे हैं । मध्य प्रदेश में एक आई.ए.एस. (भारतीय प्रशासनिक सेवा) अधिकारी नियाज खान ने विवेक अग्निहोत्री का नाम लिए बिना कहा कि, “चलचित्र निर्माताओं को मुसलमानों के नरसंहार पर भी चलचित्र बनाने चाहिए । वे मनुष्य हैं, कीडे नहीं ।” (भारत में उत्पीडित हिन्दू स्वतंत्रता के उपरांत भी चिल्ला रहे हैं कि, ‘हम इंसान हैं, कीडे नहीं’ ; किंतु, उनकी निरंतर अनदेखी की जा रही है ! – संपादक)

१. नियाज खान ने सामाजिक माध्यम पर कहा, “मैं अलग-अलग अवसरों पर मुसलमानों के नरसंहार को दिखाने के लिए एक पुस्तक लिखने की सोच रहा हूं, ताकि कुछ निर्माता ‘द कश्मीर फाइल्स’ जैसी फिल्म बना सकें और अल्पसंख्यकों के दर्द को भारतीय लोगों तक पहुंचाया जा सके ।”

२. नियाज खान मध्य प्रदेश वर्ग के भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी हैं । वे वर्तमान में लोक निर्माण विभाग में उप सचिव के पद पर कार्यरत हैं । नियाज खान अब तक ६ पुस्तकें लिख चुके हैं । नियाज खान इस समय अपने धर्म की हिंसक छवि को मिटाने के लिए अनुसंधान कर रहे हैं । उन्होंने कहा, ‘इस्लाम आज भी कुछ संगठनों की छवि के कारण कलंकित हो रहा है ।’