तिरुपति के जल क्षेत्र पर अतिक्रमण कर हिरा इस्लामिक विद्यापीठ द्वारा किया अवैध निर्माण कार्य हटाने का आंध्रप्रदेश उच्च न्यायालय का आदेश

हिन्दू जनजागृति समिति ने कुछ वर्षों पहले इस अवैध निर्माण कार्य का विरोध किया था !

  • ऐसा आदेश न्यायालय को क्यों देना पडता है ? अवैध निर्माण कार्य होने तक सरकारी तंत्र सो रहे थे क्या ? – संपादक
  • अधिकांश इस्लामिक संगठन भूमि जिहाद करते हुए दिखते हैं । यह भी उसी में से एक है । यह सब रोकने के लिए धर्मांधों में डर निर्माण हो, ऐसी कार्यवाही करना अपेक्षित है ! – संपादक

तिरुपति (आंध्रप्रदेश) – थोंडावाडा, तिरुपति के जल क्षेत्र पर अतिक्रमण कर ‘हिरा इस्लामिक विद्यापीठ’ द्वारा किया अवैध निर्माण कार्य हटाने का आदेश आंध्रप्रदेश उच्च न्यायालय ने दिया है । इस अतिक्रमण के विरोध में एक स्थानीय नागरिक थुम्मा ओंकार ने मुकदमा प्रविष्ट किया था । (इस प्रकार के अतिक्रमण के विरोध में कृतिशील होने वाले थुम्मा ओंकार का अभिनंदन ! ओंकार का आदर्श हिन्दुओं ने लेना चाहिए ! – संपादक) इस मुकदमें में न्यायालय ने किए निरीक्षणानुसार तिरुपति के नजदीक स्थित थोंडावाडा इस भाग के जल क्षेत्र पर अतिक्रमण किया गया है ।

इस जल क्षेत्र पर अतिक्रमण करने वाली इस्लामिक विद्यापीठ ने यह हिस्सा ‘बफर जोन’ (संरक्षित विभाग) है और उन्होंने अतिक्रमण किया है, यह स्वीकार किया है; परंतु अभीतक अतिक्रमण कर किया निर्माण कार्य हटाने के विषय में उच्च न्यायालय ने बताया नहीं था । इस विद्यापीठ के अधिकारी न्यायालयीन प्रक्रिया करने की तैयारी में हैं; परंतु यह करने में राजकीय हस्तक्षेप एक बडी रुकावट है ।इस महत्व का निर्णय देते समय उच्च न्यायालय ने हो रहे अतिक्रमण में हस्तक्षेप करने वाले थुम्मा ओंकार की प्रशंसा की है ।

१. इस आदेश में कहा है कि, प्रशासन ने ‘नागरिक इसके विरोध में प्रतिकार करेंगे’, इसकी राह न देखते हुए इस अतिक्रमण का और अवैध निर्माण कार्य के विरोध में संबंधित अधिकारियों को न्यायालयीन कार्यवाही करनी चाहिए ।

२. इसके पहले भूतकाल में प्रशासकीय अधिकारियों ने हिरा इस्लामिक विद्यापीठ को अनेक आदेश दिए थे; परंतु राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण इस पर कार्यवाही नहीं हुई । ‘यह मामला दबाने के लिए सभी राजनीतिक पार्टियों के महत्वपूर्ण नेताओं को पैसे दिए गए हैं’, ऐसी चर्चा लोगों के बीच में है ।

३. न्यायालय के आदेशानुसार इस स्थान पर हुआ निर्माण कार्य हटाना होगा; कारण इस स्थान पर निर्माण कार्य कर ही नहीं सकते । प्रशासनिक अधिकारी कोई भी पूर्व सूचना दिए बिना यह निर्माण कार्य हटा सकते हैं ।