‘मस्जिद के स्थान पर मंदिर बनाने पर वहां ‘अल्लाह हू अकबर’ के नारे गूंजेंगे !’

  • जिहादी संगठन ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ की राजनीतिक पार्टी ‘सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया’ के नेता नुरूद्दीन फारूखी की धमकी

  • विधान की जांच कर कार्यवाही करने का पुलिस को आदेश

इस प्रकार के विधान करनेवाले नेताओंवाली पार्टी पर प्रतिबंध लगाना चाहिए ! कर्नाटक की भाजपा की सरकार होने से उन्हें इस हेतु प्रयास करने चाहिए, ऐसा ही हिन्दुओं को लगता है ! – संपादक

पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया इस जिहादी संगठन की राजनीतिक पार्टी ‘सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया’ के (एस.डी.पी.आई. के) नेता नुरूद्दीन फारुखी

मैसूरु (कर्नाटक) – ‘मैं कर्नाटक में बजरंग दल और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को बताना चाहता हूं कि यदि वे धर्मनिपेक्षता नष्ट करना चाहते हैं और राज्य के श्रीरंगपट्टणम् में मस्जिद के स्थान पर मंदिर बनाने का साहस करना चाहते हैं, तो टीपू सुल्तान का प्रत्येक सैनिक तुम्हारी आंखें फोडने को तैयार है ! आप कितना भी बडा मंदिर बना लें, वहां अल्लाह हू अकबर’ के नारे गूंजेंगे, ऐसी धमकी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया इस जिहादी संगठन की राजनीतिक पार्टी ‘सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया’ के (एसडीपीआई के) नेता नुरूद्दीन फारुखी ने दी है ! वे वहां एक प्रदर्शन के समय बोल रहे थे। इस संदर्भ में कर्नाटक के गृहमंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने कहा कि इस मामले में यही जानकारी लेकर मैसूरु पुलिसद्वारा कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है।

१. ‘टाइम्स नाऊ’ न्यूज चैनल से इस विषय में बोलते हुए नुरुद्दीन फारूखी ने इस विधान पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि, मस्जिद में हिन्दुओं के समूहोंद्वारा हनुमान चालीसा का पाठ करने के प्रयास के विरोध में प्रदर्शन किए गए। कर्नाटक के मंत्री के.एस. ईश्वरप्पा और कर्नाटक के विधायक यतनाल की ओर से पहले दिए गए विधान पर मैंने किया विधान उसका उत्तर था।

२. दूसरी ओर एसडीपीआई के एक ज्येष्ठ सदस्य ने इस विषय में कहा कि फारुखी ने केवल इतना ही कहा था कि रा.स्व. संघ राज्य संगठन, धर्मनिरपेक्षता और मस्जिद को नष्ट करने आए, तो उनकी (उनके स्वयंसेवकों की) आंखें फोडी जाएंगी। ईश्वरप्पा और भाजपा के सांसद अनंत कुमार हेगडे ने भी इसके पहले इस प्रकार के विधान किए हैं। इस तुलना में फारुखी के विधान बडे नहीं हैं।

क्या है मामला ?

मैसूरु में कुछ हिन्दू संगठनों की ओर से श्रीरंगपट्टणम् की मस्जिद में हनुमान चालीसा का पाठ करने की योजना बनाई गई थी। इस मस्जिद के स्थान पर पहले हनुमान मंदिर था, ऐसा इन संगठनों का कहना है। इसका विरोध करने के लिए एसडीपीआई की ओर से प्रदर्शन किए गए थे। तब नुरूद्दीन फारूखी ने यह धमकी दी !