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मुंबई – नेरुल पुलिस स्टेशन एवं ‘मरकज-ए-फलह’ के सहयोग से १८ मार्च को नेरुल पूर्व में इफ्तार पार्टी का आयोजन किया गया था । इस आयोजन के बारे में पत्रिका धार्मिक संगठन ‘मरकज-ए-फलह’ के नाम से और नेरुल पुलिस स्टेशन के एक वरिष्ठ अधिकारी के हस्ताक्षर और ‘लोगो’ के साथ प्रसारित किया गया था; परंतु हिन्दू कट्टरपंथियों के व्यापक विरोध के कारण कानून और व्यवस्था की चिंता का कारण देते हुए भोज रद्द कर दिया गया । (नेरुल के हिन्दुत्वनिष्ठों को सतर्कता और तत्परता से काम करने के लिए बधाई ! – संपादक)
१. जब विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ताओं को पता चला कि यह कार्यक्रम पुलिस ने आयोजित किया है तो उन्होंने नेरुल पुलिस स्टेशन से संपर्क किया । उन्होंने नागपुर में हुए दंगों और पुलिस पर हुए घातक आक्रमण की पृष्ठभूमि पर कार्यक्रम का विरोध किया । इस संबंध में परिषद की ओर से नेरुल पुलिस को एक पत्र भी दिया गया । इस पर ध्यान देते हुए इफ्तार का आयोजन रद्द कर दिया गया ।
🚨 Iftar Feast jointly organised by Nerul Police Station & Markaz-e-Falah, called off after VHP’s strong protest.
Police, who enthusiastically host Iftar feasts, are never seen organising Hindu Dharmik events! Why this bias?
History proves that such appeasement often… pic.twitter.com/7pe5VzZT2w
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) March 20, 2025
२. एक समाचारपत्र के संवाददाता ने नेरुल पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक ब्रह्मानंद नायकवाडी से संपर्क किया; परंतु उन्होंने इस विषय में बोलना टाल दिया ।
३. अधिवक्ता आकाश जगताप ने बताया कि पार्टी के विज्ञापन में प्रयुक्त ‘लोगो’ अवैध था । (क्या इस प्रकरण में सम्मिलित लोगों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी ? – संपादक)
संपादकीय भूमिका
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