Nerul Police Iftar Party : हिन्दुत्ववादी लोगों के विरोध के पश्चात पुलिस द्वारा आयोजित इफ्तार पार्टी रद्द कर दी गई !

  • नेरुल पुलिस स्टेशन एवं मरकज-ए-फलह द्वारा संयुक्त तत्त्वावधान में इफ्तार पार्टी का आयोजन

  • विश्व हिन्दू परिषद का पुलिस को निषेध पत्र !

मुंबई – नेरुल पुलिस स्टेशन एवं ‘मरकज-ए-फलह’ के सहयोग से १८ मार्च को नेरुल पूर्व में इफ्तार पार्टी का आयोजन किया गया था । इस आयोजन के बारे में पत्रिका धार्मिक संगठन ‘मरकज-ए-फलह’ के नाम से और नेरुल पुलिस स्टेशन के एक वरिष्ठ अधिकारी के हस्ताक्षर और ‘लोगो’ के साथ प्रसारित किया गया था; परंतु हिन्दू कट्टरपंथियों के व्यापक विरोध के कारण कानून और व्यवस्था की चिंता का कारण देते हुए भोज रद्द कर दिया गया । (नेरुल के हिन्दुत्वनिष्ठों को सतर्कता और तत्परता से काम करने के लिए बधाई ! – संपादक)

१. जब विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ताओं को पता चला कि यह कार्यक्रम पुलिस ने आयोजित किया है तो उन्होंने नेरुल पुलिस स्टेशन से संपर्क किया । उन्होंने नागपुर में हुए दंगों और पुलिस पर हुए घातक आक्रमण की पृष्ठभूमि पर कार्यक्रम का विरोध किया । इस संबंध में परिषद की ओर से नेरुल पुलिस को एक पत्र भी दिया गया । इस पर ध्यान देते हुए इफ्तार का आयोजन रद्द कर दिया गया ।

२. एक समाचारपत्र के संवाददाता ने नेरुल पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक ब्रह्मानंद नायकवाडी से संपर्क किया; परंतु उन्होंने इस विषय में बोलना टाल दिया ।

३. अधिवक्ता आकाश जगताप ने बताया कि पार्टी के विज्ञापन में प्रयुक्त ‘लोगो’ अवैध था । (क्या इस प्रकरण में सम्मिलित लोगों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी ? – संपादक)

संपादकीय भूमिका 

  • इफ्तार पार्टी आयोजित करने की पहल करनेवाली पुलिस कभी भी हिन्दुओं के लिए धार्मिक कार्यक्रम आयोजित करते नहीं दिखती ! यदि हिन्दू सोचते हैं कि ऐसी पुलिस अन्य धर्मों के लोगों का समर्थन कर रही है, तो वे कहां चूक कर रहे हैं ?
  • मूलतः, जो पुलिस ऐसी पार्टियों में मेहमानों की चापलूसी करती है, वही दंगों के समय इन्हीं मेहमानों द्वारा पीटी जाती हैं । नागपुर के दंगे कुछ हो दिन पहले हुए हैं । यदि कोई कहता है कि नेरुल पुलिस स्टेशन इस प्रकार से गांधीगिरी करके आत्महत्या कर रहा है तो इसमें अनुचित क्या है ?
  • जो लोग यह कहकर चिल्ला रहे थे कि सरकारी दफ्तरों में सत्यनारायण की पूजा के कारण धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र की हत्या हो रही है, वे अब किस गर्त में जाकर छिप गए हैं ?