कर्नाटक में काँग्रेस विधायक सी.एम. इब्राहिम की मांग
तुमकूरू (कर्नाटक) – ‘चाणक्य विश्वविद्यालय’ स्थापित करने में हमारा विरोध नही; परंतु उसी के समान ‘टीपू सुलतान विश्वविद्यालय’ भी स्थापित करें, ऐसी मांग विधान परिषद के सदस्य सी.एम्. इब्राहिम ने की । कर्नाटक राज्य सरकार की ओर से चाणक्य विश्वविद्यालय स्थापित किए जाने की पृष्ठभूमि पर इब्राहिम बोल रहे थे । काँग्रेस ने केवल ‘चाणक्य विश्वविद्यालय’ का विरोध किया है । (काँग्रेस पार्टी एक बात कहती है और उसके विधायक कुछ अलग ही बताते हैं ! मुसलमानों के लिए धर्म पहले महत्व का होता है और बाद में पार्टी आदि, यही इससे पुन: स्पष्ट होता है ! – संपादक)
१. पत्रकारों से बोलते हुए इब्राहिम ने कहा कि, काँग्रेस में अल्पसंख्यकों को योग्य प्रतिनिधित्व नहीं मिलता । काँग्रेस ने मुसलमान समुदाय के व्यक्ति को मुख्यमंत्री के रुप में घोषित करना चाहिए । ‘अगले विधानसभा चुनाव में काँग्रेस पार्टी सत्ता में आने पर ३० माह के लिए मुसलमान समुदाय के व्यक्ति को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा’, ऐसी घोषणा पार्टी ने करनी चाहिए । (धर्मनिरपेक्ष भारत में धर्म के आधार पर मुख्यमंत्री पद की मांग करने वाले धर्मांध लोकप्रतिनिधि ! ‘काश्मीर और पंजाब इन राज्यों में हिन्दू मुख्यमंत्री बनाया जाएगा’, ऐसी घोषणा कभी काँग्रेस ने की थी क्या ? इब्राहिम ऐसी घोषणा करने की मांग कभी करेंगे क्या ? – संपादक)
२. इब्राहिम ने काँग्रेस नेता सिद्धरामय्या के विषय में कहा कि, चाणक्य विश्वविद्यालय स्थापित नहीं करना चाहिए’, ऐसा कहने वाले सिद्धरामय्या के विषय में मैं कुछ नही बोलूंगा । वे वरिष्ठ हैं । सिद्धरामय्या राजनीति के लिए टीपू सुलतान की जयंती मनाते थे । हमने तब भी टिपू सुलतान की जयंती का विरोध किया था । जयंती मनाना, साथ ही चित्र को माला पहनाकर पूजा करना, ये पद्धतियां हमारे में नहीं है । (मुसलमानों की चमचागीरी करने वाले काँग्रेस के हिन्दू नेताओं को घर का व्यवहार ! इन नेताओं को अब तो समझ आएगी क्या ? -संपादक)