पुण्य नगरी में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की पूर्वसंध्या पर ‘ऑनलाइन’ कृष्णानंद समारोह संपन्न !
पुणे (महाराष्ट्र) – वृद्ध होते हुए भी अकेले ही रोग में सभी स्थिति संभालनेवाली, जिनका अखंड भाव रहता है कि ‘गुरुदेव साथ में हैं’ एवं स्थिरता जिनका स्थायीभाव है, ऐसी श्रीमती उषा कुलकर्णीजी को सनातन की ११० वीं व्यष्टि संत घोषित किया गया । उनके साथ शांत, नम्र स्वभाव और जिनका अल्प अहं है तथा शल्यचिकित्सा के समय भी ईश्वर से अखंड आंतरिक सान्निध्य में रहनेवाले श्री. गजानन साठेजी को सनातन के १११ वें व्यष्टि संत घोषित किया गया । इस अवसर पर सनातन की धर्मप्रचारक सद्गुरु (कु.) स्वाती खाडयेजी के करकमलों से पू. (श्रीमती) उषा कुलकर्णीजी को परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी का छायाचित्र भेंट देकर उनका सम्मान किया गया और हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. कृष्णाजी पाटील (आध्यात्मिक स्तर ६८ टक्के) द्वारा पू. गजानन साठेजी को पुष्पहार पहनाकर उनका सम्मान किया गया । सद्गुरु (कु.) स्वाती खाडयेजी ने पू. गजानन साठेजी को परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी का छायाचित्र भेंट देकर उनका सम्मान किया ।
इस समारोह में पू. उषा कुलकर्णीजी की पुत्री पुणे जिले में लेखा की सेवा करनेवाली श्रीमती ज्योती दाते (आध्यात्मिक स्तर ६२ प्रतिशत) और दामाद डॉ. नरेंद्र दाते (आध्यात्मिक स्तर ६४ प्रतिशत) तथा अन्य सगे-संबंधी भी सहभागी हुए थे । इस समय पू. गजानन साठेजी की पत्नी श्रीमती मंगला गजानन साठे (आध्यात्मिक स्तर ६७ प्रतिशत) और पुत्री श्रीमती अश्विनी देशपांडे (आध्यात्मिक स्तर ६२ प्रतिशत) के साथ ही पू. गजानन साठेजी के अन्य रिश्तेदार भी समारोह में सहभागी हुए थे ।