कोरोना नियम के नाम पर ‘सार्वजनिक गणेशोत्सव’ पर लगाए प्रतिबंधों का विरोध !
धारवाड (कर्नाटक) – प्रशासन ने सार्वजनिक स्थानों पर गणेश प्रतिमा स्थापित करने पर प्रतिबंध लगाया है । इसके विरोध में श्रीराम सेना के संस्थापक अध्यक्ष प्रमोद मुतालिक के नेतृत्व में, जिलाधीश कार्यालय के सामने भगवान गणेश की मूर्ति रखकर एवं उसकी पूजा-अर्चना कर आंदोलन किया गया । ‘राज्य सरकार हिन्दू-विरोधी नीति अपना रही है । कोरोना के नाम पर प्रतिबंध लगाना उचित नहीं है । सरकार को सार्वजनिक श्री गणेश की मूर्ति की स्थापना को अनुमति देनी चाहिए । अन्यथा हम श्री गणेश की मूर्ति की स्थापना करेंगे, ऐसी चेतावनी देकर जिलाधीश के माध्यम से सरकार को आवेदन दिया गया । राज्य सरकार ने आगामी गणेशोत्सव के लिए कोरोना की पृष्ठभूमि पर नियमों की घोषणा की है । विभिन्न हिन्दुत्वनिष्ठ संगठन इसका विरोध कर रहे हैं । श्रीराम सेना ने इसी पृष्ठभूमि पर यह आंदोलन चलाया था ।
१. इस समय श्री प्रमोद मुतालिक ने कहा, कि कोरोना काल में जब अल्पाहार गृह, मॉल, चित्रीकरण, सिनेमाघर आदि को छूट दी गई है, तब सार्वजनिक गणेशोत्सव पर प्रतिबंध लगाना उचित नहीं है । यदि इन प्रतिबंधों में ढील नहीं दी जाती है, तो व्यापार न होने के कारण, उसपर आश्रित परिवारों एवं सरकारी राजस्व पर भी इसका विपरीत प्रभाव होगा । सार्वजनिक गणेशोत्सव पारिवारिक संतुष्टि के साथ-साथ स्थिरता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है । साथ ही, समाज की सभी गतिविधियां चैतन्य से भारित हो जाती हैं । कर्मचारी वर्ग को अनुकूलता प्राप्त होती है एवं धन के रूप में सरकारी कोष भी भरता है ।
२. विश्व हिन्दू परिषद के श्री. केशव हेगडे ने कहा, कि जनता को विगत वर्ष कोरोना के नियमों का कठोर पालन करते हुए गणेशोत्सव मनाने की अनुमति दी गई थी । भावनाएं आहत किए बिना इस वर्ष भी पारंपरिक सार्वजनिक गणेशोत्सव नियमबद्ध पद्धति से मनाने का अवसर दिया जाना चाहिए ।