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नवी देहली – ‘हिस स्टोरी ऑफ इतिहास’ यह फिल्म बनाना मैं मेरा कर्तव्य मानता हूं । किसी भी फिल्म को एक तो राजनीतिक समर्थन की आवश्यकता होती है अथवा आर्थिक सहायता की ! मेरे पास इनमें से कुछ भी नहीं है, तब भी मैं जनता के समर्थन से ‘हिस स्टोरी ऑफ इतिहास’ फिल्म को अधिक से अधिक समाज तक पहुंच सकता हूं । आज तक किसी भी फिल्म के संदर्भ में इस प्रकार से जनता से समर्थन नहीं मिला है; परंतु इस फिल्म के निमित्त से जनता ने संगठितरूप से इस फिल्म को शहर में अथवा गांव में चलाने की मांग की, तो कुछ भी हो सकता है, ऐसी अपेक्षा इस फिल्म के लेखन तथा निर्देशक मनप्रीत सिंह धामी ने ‘सनातन प्रभात’ से व्यक्त की ।
🎬 Calling all history buffs & truth seekers!
Have you heard about the film “#HisStoryOfItihas”?
It dares to challenge distorted narratives — but it’s on the verge of vanishing from theatres. Here’s why you need to care 👇
🎙️ Sanatan Prabhat spoke with Director Manpreet Singh… pic.twitter.com/5oRAxqmofa
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) June 19, 2025
यह फिल्म प्रदर्शित होकर ३ सप्ताह बीत गए, इस उपलक्ष्य में ‘सनातन प्रभात’ के प्रतिनिधि ने दूरभाष से उनसे संवाद किया । इस संवाद में श्री. धामी ने, ‘इस फिल्म के प्रसारण के लिए देश की सरकार हमारी सहायता करे तथा फिल्म को करमुक्त करे’ यह अनुरोध भी किया ।
दिवालिया बनने की स्थिति !

‘यह फिल्म प्रदर्शित होकर ३ सप्ताह बीत गए हैं, तब भी इस फिल्म को सिनेमाघर उपलब्ध नहीं होने दे रहे । इसके कारण हम दिवालिया बनने की स्थिति तक पहुंच गए हैं; परंतु तब भी हम इस फिल्म के प्रसारण के लिए प्रयास करते ही रहेंगे’, यह पीडा भी श्री. धामी ने व्यक्त की ।
श्री. धामी द्वारा उठाए गए कुछ महत्त्वपूर्ण सूत्र !
Dhami’s humble request to:
🛑 BJP & political leaders – help amplify it🏫 NGOs & orgs – sponsor screenings in schools/colleges
📽️ Public – demand it in your local theaters!
This is not just a film — it’s your dharma to support the truth.#HisStoryOfItihaas@TigerRajaSingh… pic.twitter.com/jyJJOGWP8f
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) June 19, 2025
१. हमने इस फिल्म में किसी भी सरकार की अथवा राजनीतिक दल की प्रशंसा नहीं की है । जो सत्य है, उसे दिखाना ही हमारा प्रामाणिक प्रयास रहा है ।
२. ‘क्या आप इस फिल्म को ‘ओटीटी’ पर प्रदर्शित करेंगे ?’, इस प्रश्न पर उन्होंने कहा कि ओटीटी पर इस फिल्म का प्रसारण करने के लिए एक तो इस फिल्म को अधिक से अधिक देखा जाना चाहिए अथवा इस फिल्म में कोई बडे कलाकार अथवा उनके बच्चे (स्टार्स ऑर स्टार किड्स) होने चाहिएं । हमारी फिल्म में ये दोनों बातें नहीं हैं ।
३. ५० लाख से अधिक लोगों ने इस फिल्म का ‘ट्रेलर’ (छोटा विज्ञापन) देखा है; अतः यह ट्रेलर जिन्हें अच्छा लगा, उन लोगों को यह फिल्म देखने के लिए मिलनी चाहिए, यह मांग करते रहनी चाहिए ।
४. यह फिल्म बनाने की प्रेरणा आपको कहां से मिली ?, इस प्रश्न पर श्री. धामी ने कहा कि जब मुझे श्री. नीरज अत्री का कार्य ज्ञात हुआ, उस समय ‘हमें गलत इतिहास सिखाया गया है’, यह समझ में आया और मैं क्षुब्ध हुआ । मैं सिख हूं इसलिए मुझे मुगलों का इतिहास ज्ञात था ही; परंतु पुस्तकों से इस प्रकार से इतिहास का विकृतिकरण किया गया है, यह बात मुझे श्री. अत्री की पुस्तक पढकर ही समझ में आई । इसलिए इस फिल्म की कथा लिखना तथा उसका निर्देशन करना, मैं अपना कर्तव्य मानता हूं ।
विद्यालयों-महाविद्यालयों से इस फिल्म का प्रसारण करने हेतु स्वयंसेवी संगठनों से आवाहन ! श्री. धामी ने दूरभाष से किए गए संवाद में ‘सनातन प्रभात’ के प्रतिनिधि को बताया कि विद्यालयों-महाविद्यालयों में यह फिल्म दिखाई जाए, इसके लिए हम प्रयास कर रहे हैं । मैं अपील करता हूं कि अधिक से अधिक स्वयंसेवी संगठन, हिन्दुत्वनिष्ठ संगठन तथा आध्यात्मिक संस्थाएं आगे आएं तथा फिल्म को प्रायोजक दिलवाकर इसे अधिक से अधिक बच्चों को दिखाएं । |
संपादकीय भूमिकाऐसी फिल्मों के अधिक से अधिक प्रसारण के लिए हिन्दुओं द्वारा प्रयास किया जाना, उनका धर्मकर्तव्य है; इसे ध्यान रखते हुए, जनता को ऐसी फिल्मों को स्थानीय सिनेमाघरों में चलाने की मांग करते रहना, अति आवश्यक ! |