
पुरी (ओडिशा) – भगवान जगन्नाथ मंदिर के शिखर पर स्थित ध्वज का कुछ भाग गरुड पक्षी पंजे में लेकर उडता दिखाई दे रहा है । यह दृश्य देखकर कुछ भक्तों का मानना है कि देश में कोई शुभ घटना होनेवाली है, जबकि कुछ लोगों ने इसके विपरीत, किसी अशुभ घटना की आशंका व्यक्त की है । वर्ष २०२० में बिजली गिरने के कारण मंदिर के ध्वज में आग लग गई थी, जिसके उपरांत देश को कोरोना महामारी का सामना करना पडा था – लोग इसे स्मरण कर रहे हैं ।
हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के दिव्य संकेत![]() ‘१२ अप्रैल २०२५ को सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी की एक आध्यात्मिक उत्तराधिकारिणी श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली गाडगीळजी के साथ हैदराबाद में यात्रा करते समय हमें रास्ते में पुरी (ओडिशा) के श्री जगन्नाथ मंदिर की प्रतिकृति स्वरूप एक मंदिर दिखाई दिया । ![]() मंदिर की ओर देखते ही श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) गाडगीळजी की दृष्टि मंदिर के शिखर पर स्थित नीलचक्र पर पडी । वह नीलचक्र अत्यंत प्रकाशमान दिख रहा था । बाद में हमें पता चला कि उसी अवधि में पुरी के श्री जगन्नाथ मंदिर का ध्वज गरुड पक्षी ले जा रहा था । यह ध्वज उसी नीलचक्र के पास लगाया जाता है तथा सदैव फहराता रहता है । श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) गाडगीळजी को नीलचक्र का प्रकाशमान स्वरूप दिखाई देना तथा उसी समय पुरी के मंदिर से ध्वज गरुड द्वारा उडाकर ले जाना – इन दोनों घटनाओं के पीछे हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के दिव्य संकेत छुपे हैं, यह बात ध्यान में आई ।’ – श्री. वाल्मिक भुकन, चेन्नई |