जून माह तक सुनवाई स्थगित
मुंबई – मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकर के मुद्दे को लेकर राज्य में किसी को भी कानून हाथ में लेने की आवश्यकता नहीं है, ऐसा स्पष्ट निर्देश मुंबई उच्च न्यायालय ने २२ अप्रैल को दिया । इस संदर्भ में अवमानना याचिका का उत्तर देते हुए राज्य की पुलिस महानिदेशक रश्मि शुक्ला और गृह विभाग के प्रमुख सचिव अनुप कुमार सिंह ने उच्च न्यायालय में शपथपत्र प्रस्तुत किया । उन्होंने संबंधित कार्रवाई की जानकारी देते हुए अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए न्यायालय से समय विस्तार मांगा । इसे स्वीकार करते हुए मुख्य न्यायमूर्ति आलोक आराध्ये एवं न्यायमूर्ति मकरंद कर्णिक की खंडपीठ ने सुनवाई जून माह तक स्थगित की है।
राज्यभर के धार्मिक प्रार्थना स्थलों पर लगे अवैध लाउडस्पीकर के विरुद्ध कार्रवाई का आदेश दिए जाने के बाद प्रशासन की ओर से कार्रवाई नहीं की जा रही है । इस संदर्भ में आपत्ति जताते हुए नवी मुंबई निवासी संतोष पाचलग ने वर्ष २०१८ में मुंबई उच्च न्यायालय में अवमानना याचिका दायर की थी ।
1. पुलिस महानिदेशक रश्मि शुक्ला द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, राज्य में २,९४० लाउडस्पीकरों में से २८१८ लाउडस्पीकर अवैध पाए गए हैं ।
2. ३४३ अवैध लाउडस्पीकर हटाए गए हैं, जबकि ८३१ लाउडस्पीकर्स को कानूनी अनुमति प्रदान की गई है । इस संबंध में कार्रवाई के लिए राज्यभर में ४९ विशेष पुलिस दल गठित किए गए हैं, और सभी स्थानों पर कार्रवाई और जनजागरण जारी है।
3. वर्ष २०१६ में मुंबई उच्च न्यायालय द्वारा ३८ बार स्पष्ट निर्देश देने के बाद भी कार्रवाई नहीं होने के संबंध में राज्य सरकार की देरी पर न्यायालय ने बार-बार असंतोष व्यक्त किया है ।