राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की मांग
नई दिल्ली – राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा ने बांग्लादेश में हिंदुओं के उत्पीड़न के विरुद्ध एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया है और बांग्लादेश में हिंदुओं के लिए एकजुटता दिखाने का आह्वान किया है। इसी सूत्र के आधार पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने संयुक्त राष्ट्र से हस्तक्षेप की मांग की है।
प्रतिनिधि सभा द्वारा पारित प्रस्ताव में कहा गया है कि,
१. प्रतिनिधि सभा बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के मानवाधिकारों के उल्लंघन पर चिंता व्यक्त करती है। १९५१ में बांग्लादेश में हिंदू आबादी २२ फीसदी थी, जो अब घटकर ७ फीसदी रह गई है।
२. बांग्लादेश में उपस्थित तख्तापलट के समय मठों, मंदिरों, दुर्गा पूजा मंदिरों और शैक्षणिक संस्थानों पर आक्रमण हुए हैं। मूर्तियों का अपमान, हत्या, संपत्ति की लूट, महिलाओं का अपहरण और अत्याचार, बलात्कार, जबरन धर्म परिवर्तन जैसे प्रकरण लगातार सामने आ रहे हैं। इन घटनाओं को मात्र ‘राजनीतिक’ कहना और इनके धार्मिक पहलू को नकारना सत्य से भटकाना होगा; क्योंकि ज़्यादातर पीड़ित हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों से हैं।
३. कुछ अन्तर्राष्ट्रीय शक्तियां जानबूझकर एक देश को दूसरे देश के विरुद्ध खड़ा करके और अविश्वास और संघर्ष का वातावरण बनाकर भारत के पड़ोसी क्षेत्रों को अस्थिर करने की कोशिश कर रही हैं।
४. संयुक्त राष्ट्र और विश्व समुदाय जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठनों को बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों पर हो रहे अमानवीय अत्याचारों को गंभीरता से लेना चाहिए और बांग्लादेश सरकार पर इन हिंसक गतिविधियों को रोकने के लिए दबाव डालना चाहिए।
संपादकीय भूमिका
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