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वणी (यवतमाल), १२ मार्च (वार्ता) – यहां दरबार चिश्ती होटल में गोमांस युक्त बिरयानी बेचे जाने की सूचना मिलने के बाद बजरंग दल के गौरक्षकों ने पुलिस को इसकी सूचना दी । जब बजरंग दल के ४ गौरक्षक पुलिस के साथ वहां गए तो १०० से अधिक मुसलमानों ने पुलिस के सामने गौरक्षकों की पिटाई कर दी । इस अवसर पर एक गौरक्षक की पिटाई की गई तथा उसके कपड़े फाड दिए गए । जब कुछ पुलिसकर्मी गौरक्षकों को बचाने गए तो धर्मांध मुसलमानों ने पुलिसकर्मियों पर भी आक्रमण कर दिया । आक्रमण में गौरक्षकों की आंख, मुंह तथा पीठ पर चोटें आईं । पुलिस ने इस प्रकरण में १०० से अधिक कट्टरपंथी मुसलमानों के विरुद्ध मामला प्रविष्ट किया है ।
पीड़ित गौरक्षकों ने मांग की कि सीसीटीवी फुटेज की जांच की जानी चाहिए, आरोपी मुसलमानों को गिरफ्तार किया जाना चाहिए और उनके विरुद्ध कार्यवाई की जानी चाहिए । (हमें ऐसी मांग क्यों करनी पड रही है ? यह तो पुलिस का कर्तव्य है ! – संपादक) इस बात की अपेक्षित गति से पुष्टि न होने पर समस्त हिन्दू समाज की ओर से विभागीय पुलिस अधिकारियों को ज्ञापन प्रस्तुत किया गया ।
१. दरबार चिश्ती होटल के आसपास का क्षेत्र मुख्यतः मुसलमान बहुल है । मुसलमानों ने वहां की भूमि पर अतिक्रमण कर लिया है और वहां इमारतें बना ली हैं । (यह पुलिस और प्रशासन द्वारा अतिक्रमण के विरुद्ध समय पर कार्यवाई न करने का परिणाम है ! पुलिस को मुसलमानों द्वारा पीटा जाता देख, क्या अब वे यहां बुलडोजर से अतिक्रमण हटाएंगे ? – संपादक)
२. धर्मांध मुसलमानों ने कहा कि गौरक्षक वहां के क्षेत्र में एक महिला के साथ छेड़छाड़ कर रहे थे । इसलिए पुलिस ने उनके विरुद्ध मामला प्रविष्ट कर लिया । ऐसी चर्चा थी कि वास्तव में ऐसा नहीं हुआ था । (क्या पुलिस महाराष्ट्र अथवा पाकिस्तान से है, जो यह स्पष्ट होने पर कि धर्मांध मुसलमान जानबूझकर झूठी शिकायतें कर रहे हैं, तुरंत प्रकरण दर्ज करती है ? – संपादक)
आरोपियों को दंड न मिलने पर धरना-आंदोलन की चेतावनी !बयान में कहा गया है कि अपराधियों को बंदी बनाकर दंड दिया जाए, अन्यथा हमें धरना-प्रदर्शन करना पड़ेगा । सम्पूर्ण हिन्दू समुदाय ने चेतावनी दी कि “यदि कानून एवं व्यवस्था का मुद्दा उत्पन्न हुआ तो आपको जवाबदेह ठहराया जाएगा ।” (ऐसी चेतावनी देनी पडती है ये लज्जाजनक है ! – संपादक ) |
संपादकीय भूमिका
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