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बेंगलुरू (कर्नाटक) – हाल-ही-में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या ने आर्थिक वर्ष २०२५-२६ का अर्थसंकल्प प्रस्तुत किया । इसमें मस्जिद के इमामों के लिए मानधन वृद्धि तथा वक्फ संस्थाओं के जीणर्ोधार के साथ कुल मिलाकर ४ सहस्र ७०० करोड रुपयों का अनुदान मुसलमानों को दिया है । इस सूत्र पर भाजपा ने आलोचना करते हुए कहा कि यह ‘मुसलमान अर्थसंकल्प’ है । इस पर कांग्रेस सरकार के मंत्री जमीर अहमद खान ने भाजपा पर आलोचना करते हुए कहा कि यह ‘मुसलमान अर्थसंकल्प´ कैसे हो सकता है ? राज्य की कुल जनसंख्या में अनुमानत : १४ प्रतिशत मुसलमान हैं । यदि जनसंख्या के अनुपात में देखा जाए, तो मुसलमान समाज को न्यूनतम ६० सहस्र करोड रुपए मिलने चाहिए थे; परंतु प्रत्यक्ष में केवल ४ सहस्र ७०० करोड रुपए दिए गए हैं । क्या भाजपा के लोगों के पास इतना भी व्यवहारज्ञान नहीं है ?
खान ने आगे कहा कि इस अर्थसंकल्प में शिक्षाक्षेत्र पर सर्वाधिक बल दिया गया है ।
संपादकीय भूमिका
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