दिल्ली में १९८४ के सिख विरोधी दंगे

नई देहली – नई देहली के राऊस एवेन्यू न्यायालय ने १९८४ के सिख विरोधी दंगे मामले में पूर्व कांग्रेस सांसद सज्जन कुमार को आजीवन कारावास का दंड सुनाया है । पीड़ितों ने सज्जन कुमार के लिए फांसी की मांग की थी । यह प्रकरण दंगों के समय सरस्वती विहार में जसवंत सिंह और उनके बेटे तरुणदीप सिंह की हत्या से संबंधित है । सज्जन कुमार वर्तमान में एक अन्य दंगे के मामले में तिहाड़ जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है ।
🚨 1984 Sikh Riots: Ex-Congress MP Sajjan Kumar Gets Second Life Sentence! 🚨
🔹 Sajjan Kumar sentenced to life imprisonment in another 1984 anti-Sikh riots case
🔹 Already serving a life term for his role in the Delhi Cantonment riots
🔹 Court cites old age & illness as… pic.twitter.com/ZgkqLBk5Fu
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) February 25, 2025
सज्जन कुमार के ऊपर २ अन्य मामले
१. दिल्ली कैंट के पालम कॉलोनी में पांच सिखों की हत्या के उपरांत एक गुरुद्वारे को जला दिया गया । इस मामले में सज्जन कुमार को दोषी पाया गया । १७ दिसंबर २०१८ को दिल्ली उच्च न्यायालय ने उन्हें आजीवन कारावास का दंड सुनाया ।
२. दिल्ली के सुल्तानपुरी में तीन सिखों की हत्या के मामले में राऊस एवेन्यू नयायालय ने उन्हें निर्दोष मुक्त किया ।
सिख विरोधी दंगे क्या हैं ?
३० अक्टूबर १९८४ को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षकों ने हत्या कर दी थी । इसके उपरांत दिल्ली में दंगे भड़क उठे । सिख विरोधी दंगों की जांच के लिए गठित नानावटी आयोग की रिपोर्ट के अनुसार अकेले दिल्ली में ५८७ अपराध दर्ज किए गए, जिनमें २,७३३ लोग मारे गए । देश भर में मरने वालों की संख्या ३,५०० के लगभग थी । कुल मामलों में से लगभग २४० बंद कर दिए गए, जबकि २५० मामलों में अभियुक्तों को बरी कर दिया गया ।
संपादकीय भूमिका
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