आइए, अनुभव करें महाकुंभ क्षेत्र की हिन्दू राष्ट्रप्रीत्यर्थ संपन्न दिव्य पदयात्रा !

मोक्षनगरी में हुए हिन्दू राष्ट्र के जयघोष से । गूंज उठी पृथ्वी, आकाश एवं स्वर्ग ।।

हिन्दू ऐकता के प्रतीक ‘पदयात्रा’ में सम्मिलित होकर ‘सनातन धर्म की जय हो, भारत हिन्दू राष्ट्र हो’ आदि घोषणाएं देतीं अन्य संप्रदाय की साध्वी
हिन्दू राष्ट्र के प्रेरणास्रोत सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी की फूलों से सजाई प्रतिमा ! रास्ते के दोनों ओर साधु-संत, साथ ही श्रद्धालु प्रतिमा को नमस्कार करते हुए

पदयात्रा नहीं, यह तो मार्गक्रमण साधु-संतों का । सच्चिदानंद परब्रह्म के संकल्प की पूर्ति का ।।

पदयात्रा के आरंभ में धर्मध्वज को भावपूर्ण नमस्कार करते (दाएं से) श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली गाडगीळजी, श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी, सद्गुरु नीलेश सिंगबाळजी एवं सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी
पदयात्रा में सम्मिलित हुए सनातन के पू. प्रदीप खेमकाजी एवंपू. (श्रीमती) सुनीता खेमकाजी
१. स्वप्रेरणा से घोषणाएं देते साधु, स्वामी भरतानंद महाराज और पास में २. श्री. सुनील घनवट
पदयात्रा में सम्मिलित (बाएं से) सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी एवं सद्गुरु नीलेश सिंगबाळजी

हिन्दू राष्ट्र की स्थापना का संकल्प बहुत शीघ्र फलीभूत होगा ! – सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी

इस अवसर पर हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी ने कहा कि हिन्दू धर्म ‘वसुधैव कुटुम्बकम् ।’ की सीख देता है । ऐसे धर्म को संविधान के द्वारा आधिकारिक संरक्षण मिलने हेतु भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित करना आवश्यक है । यह मांग विश्वकल्याण हेतु कार्यरत हिन्दू संस्कृति को जीवित रखने हेतु है । महाकुम्भ पर्व की ओर पूरे विश्व का ध्यान है । इसलिए इस पदयात्रा के माध्यम से हम हिन्दू संतों, महंतों तथा देश-विदेश के हिन्दू समाज के मन में विद्यमान हिन्दू राष्ट्र की मांग को सरकार तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं । संतों के सान्निध्य में कुम्भ जैसे महत्त्वपूर्ण पर्व की पृष्ठभूमि पर प्रयागराज जैसी धार्मिक नगरी में लिया गया हिन्दू राष्ट्र की स्थापना का संकल्प बहुत शीघ्र फलीभूत होगा, यह हमारी श्रद्धा है ।

उपस्थित मान्यवर !

१. श्री श्री १००८ महामंडलेश्वर राहुलदासजी महाराज, भाग्यनगर, तेलंगाना.

२. श्री श्री १००८ महंत नारायणदासजी महाराज, पुणे, महाराष्ट्र.

३. श्री श्री १००८ महामंडलेश्वर रामदासजी काठिया महाराज, इंदौर, मध्य प्रदेश.

४. स्वामी भारतानंद महाराज, महामंत्री, अखिल भारतीय संत समिति, पुणे, महाराष्ट्र.

५. जाग्रत आचार्य, शिवपुरी, मध्य प्रदेश.

६. श्री. बलवीर मिल्खा, पंजाब.

७. श्री. ब्रिजभूषण सैनी, राष्ट्रीय अध्यक्ष, देवसेना