दक्षिणा के रूप में मंदिर के पुजारी की पूजाथाली में रखे सिक्के भी सरकारी तिजोरी में जमा करने का दिया था आदेश
चेन्नई (तमिलनाडू) – तमिलनाडु के द्रमुक सरकार ने एक आदेश में कहा था कि ‘मंदिर के पुजारियों काे चाहिए कि वे उनकी पूजा की थाली में अर्पण द्वारा प्राप्त मुद्राएंं सरकारी तिजोरी में जमा करें । सरकारी आदेश में मंदिर के सुरक्षा कर्मचारियों को पुजारियों पर ध्यान रखने के निर्देश दिए गए थे । इस आदेश का हिन्दू संगठनों द्वारा विरोध करने के पश्चात सरकार ने यह आदेश पीछे लिया है ।
DMK government’s anti-Hindu order in Tamil Nadu withdrawn after opposition from Hindu organizations!
An order was given to deposit even the offerings from the priest’s worship tray (received as dakshina) into the government treasury! #ReclaimTemples #Free_Hindu_Temples pic.twitter.com/XhjgZ35j82
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) February 11, 2025
१. तमिलनाडू के हिन्दू धार्मिक एवं धर्मादाय दान विभाग ने ७ फरवरी २०२५ को उपरोक्त आदेश दिया था । इसमें कहा गया था कि पुजारियों को सरकार द्वारा वेतन दिया जाता है; इसलिए मंदिर से प्राप्त प्रत्येक दान राशि सरकारी तिजोरी में जमा करनी चाहिए ।
२. इस आदेश के संदर्भ में हिन्दू तमिल कत्छी (हिन्दू तमिल पक्ष) संगठन ने विरोध करते हुए कहा था कि यह सूचना हास्यजनक तथा निषेधार्ह है । अधिकांश रूप से भक्त बहुधा मंदिर क पुजारियों की थाली में १ अथवा ५ का सिक्का अर्पण करते हैं । यह अर्पण उस परिसर के तथा स्थानीय परंपराओं के अनुसार किया जाता है । भगवान के विषय में सम्मान तथा कृतज्ञता व्यक्त करने हेतु सिक्के अर्पण किए जाते हैं । धर्मादाय विभाग का इस छोटे से अर्पण पर भी ध्यान रखना चूक है । इसके विरोध में न्यायालयीन संघर्ष भी किया जाएगा ।
३. इसके पश्चात भारी मात्रा में हुए विरोध के कारण हिन्दू धर्मादाय विभाग ने ’मंदिरों के न्यासियों से विचार-विमर्श किए बिना यह आदेश दिया गयेा है´ ऐसे कहकर यह सूचना वाापस ली है ।
४. इससे पूर्व अप्रैल २०२४ में मंदिर में आए कुछ पैसे लेने के आरोप में तमिलनाडु सरकार ने ४ पुजारियों को बंदी बनाया था । उन पर भक्तों की पूजाथाली में दिए गए पैसे लेने का आरोप लगाया गया था ।