पुणे – वानावाडी पुलिस ने एक गिरोह को बंदी बनाया है जो अपराधियों की जमानत के लिए झूठे दस्तावेजों का उपयोग करता था और नयायालय में झूठे गारंटर उपिस्थत करता था । झूठे जमानतदारों के एक गिरोह की सहायता करने के आरोप में दो अधिवक्ताओं, अधिवक्ता असलम सैयद तथा अधिवक्ता सुरेश जाधव सहित ग्यारह लोगों को बंदी बनाया गया है । (आरोपी अधिवक्ताओं की सनद जब्त की जाए ! – संपादक) मुख्य आरोपी फरहान उर्फ बबलू शेख फरार हो गया है, जोन ५ के पुलिस उपायुक्त डॉ. राजकुमार शिंदे ने एक संवाददाता सम्मेलन यह जानकारी दी ।
१. येरवदा कारागृह में न्यायिक हिरासत में बंद आरोपियों के पास कोई जमानतदाऱ नहीं था, इसलिए आरोपियों ने अपने अधिवक्ताओं के साथ मिलकर न्यायालय में झूठे जमानतदार उपस्थित किए । झूठे जमानतदार अपराधियों के संबंधियों से संपर्क कर उनसे पैसे लेते थे ।
२. यह गिरोह आधार कार्ड, राशन कार्ड, सात बारह उतारा और संबंधित कागदपत्रक प्रस्तुत करते थे । राशन कार्ड पर जाली हस्ताक्षर और मोहर का प्रयोग करते । वे न्यायालय में एक प्रतिज्ञापत्र प्रस्तुत करते और दावा करते कि कागदपत्रक मूल हैं । वे न्यायालय को गुमराह कर आरोपी अपराधियों को जमानत दिलवा देते थे । पता चला है कि झूठे जमानतदार मुंबई, ठाणे और ग्रामीण क्षेत्रों से हैं ।
३. झूठे जमानतदार खडे करने का प्रकरण प्रकाश में आने के पश्चात पुलिस आयुक्त डॉ. राजकुमार शिंदे के मार्गदर्शन में जांच की गई । झूठे जमानतदार के २४ प्रकरण सामने आए हैं ।
संपादकीय भूमिकान्यायालय को गुमराह करने वालों को आजीवन कारावास का दंड मिलना चाहिए ! हमें यह पता लगाना होगा कि इस गिरोह ने और कितने लोगों को इस प्रकार से फंसाया है ! |