धर्मांधों ने चमकाए औरंगजेब, टीपू सुलतान तथा ओवैसी बंधुओं के छायाचित्र वाले फलक !

  • वाघोदा (जिला जलगांव) की आक्रोशजनक घटना !

  • ओवैसी बंधुओं के फलक पर १५ मिनटों का उल्लेख !

वाघोदा (जलगाव) – यहां १६ जन‍वरी को मुसलमानों नेे निकाले संदल (शोभायात्रा) में औरंगजेब, टीपू सुलतान तथा ओवैसी बंधुओं के फलक चमकाए गए थे । संदल होकर २ दिन हो गए,तब भी पुलिस ने इस पर कोई कारवाई नहीं की । इसलिए हिन्दू संतप्त हो गए हैैं । ‘हिंन्दुओं ने अफजलखान वध का फलक लगाने पर स्वयं आगे आकर कारवाई करनेवाली पुलिस अब क्यों शांत रहती है ? अब राज्य सरकार को इस विषय में कडे कदम उठाने चाहिए’,यहां के हिन्दुओंं की ऐसी मांग है ।

१. वाघोदा में मुसलमान समाज ने शोभायात्रा निकाली थी । (इसकी लिखित स्वरूप में अनुमति ली थी अथवा बिना अनुमति के यह प्रकार चल रहा था, इसकी भी जांच होनी चाहिए ! – संपादक)

२. शोभायात्रा में बडी संख्या में एकत्रित हुए मुसलमानाें में से कुछ युवकों ने हाथ में आपत्तिजनक फलक धाऱण किए थे ।

३. इसमें टीपू सुलतान, औरंगजेब, ए.आइ.एम्.आइ.एम्.के (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिम के अखिल भारतीय मुस्लिम एकता संघ के) असदुद्दीन ओवैसी, अकबरुद्दीन ओवैसी, इम्तियाज जलील आदि के फलक बनाए गए थे । (छत्रपति शिवाजी महाराज के महाराष्ट्र में शंभूराजा को क्रूरता से मारनेवाले औरंगजेब का फलक लगाने की अनुमति कैसे दी जाती है ? इस पर पुलिस स्वयं होकर कारवाई क्यों नहीं करती ? राज्य में इन छायाचित्रों पर प्रतिबंध लगाना चाहिए ।- संपादक)

४. इसमें ओवैसी बंधुओं के छायाचित्रवाले एक फलक पर ‘१५ मिनट’ ऐसा लिखा था । इस प्रकार का भडकाउ फलक धारण करनेवाले लोगों पर कारवाई नहीं की गई ।

५. शोभायात्रा में स्थानीय पुलिस भी उपस्थित थी; परंतु उन्होंने भी इस संदर्भ में कुछ भी नहीं किया ।

पुलिस में शिकायत प्रविष्ट न होने से कारवाई न होने की चर्चा

इन फलकों के विषय में पुलिस थाने में किसी ने भी शिकायत प्रविष्ट नहीं की । इसलिए इस पर पुलिस ने कारवाई नहीं की, ऐसा कहा जा रहा है । इस विषय में पुलिस द्वारा कोई जानकारी नहीं दी गई है । (यदि ऐसा है, तो हिन्दुओं को शिकायत करनी चाहिए तथा ऐसी घटनाओं के संदर्भ में पुलिस को स्वयं आगे आकर कारवाई करनी चाहिए तथा वे नहीं करते हैं, तो इसकी जानकारी गृहमंत्रालय को भी देना आवश्यक है । ‘एक हैं तो सेफ हैं’ इस आधार पर सत्ता प्राप्त करने के पश्चात हिन्दुओं की रक्षा करने हेतु प्रयास होता दिखना भी आवश्यक है ! – संपादक)