Mahakumbh 2025 Amrit Snan : साक्षात वरुणदेव भी बने साधु-संतों के अमृत स्नान के साक्षी !

  • ३ करोड श्रद्धालुओं ने किया महाकुंभपर्व का प्रथम अमृत स्नान

  • त्रिवेणी संगमस्नान एवं अमृतरूपी जलवर्षा के कारण श्रद्धालु हुए धन्य-धन्य !

  • नागा साधु रहे विशेष आकर्षण के केंद्र

श्री. नीलेश कुलकर्णी, विशेष प्रतिनिधी, प्रयागराज

प्रयागराज, १४ जनवरी (संवाददाता) – मकर संक्राति के दिन यहां की गंगा, यमुना एवं सरस्वती श्र नदियों के पवित्र संगम पर साधु-संतों का प्रथम अमृत स्नान संपन्न हुआ । इस अमृत स्नान के साक्षी बनने हेतु साक्षात वरूणदेव भी पधारे । कडाके की ठंड तथा उसमें अमृतरूपी जलवर्षा के कारण देश-विदेश के करोडो श्रद्धालु भी धन्य-धन्य हुए । लगभग ३ करोड श्रद्धालुओं ने महाकुंभपर्व का प्रथम स्नान किया ।

प्रातः ५.१५ बजे आज के अमृत स्नान का आरंभ हुआ । सभी १३ अखाडों ने अपनेअपने अखाडों से भव्य शोभायात्रा निकाली । उन्होंने सुनिश्चित किए गए मार्ग से संगमक्षेत्र में भव्य-दिव्य प्रवेश किया । इस अवसर पर प्रत्येक अखाडे में सहस्रों की संख्या में साधु-संत एवं महंत उपस्थित थे । सभी अखाडों में नागा साधुओं की संख्या लक्षणीय थी । आरंभ में श्री पंचायती अखाडा महानिर्वाणी, श्री शंभू पंचायती अटल अखाडा, श्री तपोनिधि पंचायती श्री निरंजनी अखाडा, श्री पंचायती आनंद अखाडा, श्री पंच दशमान जुना अखाडा, श्री पंच दशनाम आवाहन अखाडा तथा श्री पंचाग्नि अखाडा इन ७ संन्यासी अखाडों के साधु-संतों ने अमृत स्नान किया । उसके उपरांत अखिल भारतीय श्री पंच निर्मोही अनी अखाडा, श्री पंच दिगंबर अनी अखाडा तथा श्री पंच निर्वाणी अनी अखाडा इन ३ बैरागी अखाडों के साधु-संतों ने स्नान किया । अंत में श्री पंचायती नया उदासीन अखाडा अखाडा, श्री पंचायती बडा उदासीन अखाडा, साथ ही श्री पंचायती निर्मल अखाडा इन ३ उदासीन अखाडों के साधु-संतों ने अमृत स्नान किया । प्रातः ६ बजे ही प्रथम अखाडे का संगमक्षेत्र में प्रवेश हुआ । आरंभ में अखाडों के साधु-संतों ने तथा उसके उपरांत अन्यों ने स्नान किया ।

दूसरी ओर सर्वसामान्य श्रद्धालु भी अमृत स्नान से नहा उठे । बच्चों-वृद्धों ने भी इस स्नान का आनंद लिया । इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने गंगापूजन तथा आरती उतारी ।

योगी सरकार की ओर से श्रद्धालुओं पर हेलिकॉप्टर से पुष्पवर्षा !

भाविकांवर हेलिकॉप्टरमधून पुष्पवृष्टी

राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार की ओर से हेलिकॉप्टर से श्रद्धालुओं पर पुष्पवर्षा की गई । इसके साथ सभी घाटों पर भी सरकार की ओर से पुष्पवर्षा की गई ।

क्षणिकाएं

१. साधु-महंतोंसहित श्रद्धालु उत्स्फूर्तता से ‘बम बम बोले’, ‘हर हर महादेव’ ‘जय श्रीराम’ आदि जयघोष कर रहे थे ।

२. अखाडों की शोभायात्राओं में नागा साधुओं ने श्रद्धालुओं को उनके पास स्थित तलवार, भाले, परशु आदि विभिन्न युद्धकौशल का प्रदर्शन दिखाया ।

३. अनेक श्रद्धालुओं ने प्रातः ३ बजे ही स्नान का आरंक किया । कुछ श्रद्धालु उनके वृद्ध माता-पिताओं को कंधे पर बिठाकर अमृत स्नान के लिए लेकर आए थे ।

४. अमृत स्नान के इस समारोह में अमेरिका, इजरायल, फ्रांससहित अनेक देश के श्रद्धालु उपस्थित थे ।

५. संगमक्षेत्र में पुलिस प्रशासन ने कडी सुरक्षाव्यवस्था का प्रबंध किया था ।

६. आरंभ में ७ में से ६ पांटुन पूल (नदी से आने-जाने हेतु उपयोग किया जानेवाला पूल) बंद रखे गए थे; परंतु कुछ समय उपरांत भीड के अनुसार उन्हें चरणबद्ध तरीके से खोला गया । अमृत स्नान के उपरांत अखाडों ने तिसरे क्रम के पांटुन पूल से प्रस्थान किया ।

खोए हुए परिजनों की खोज के लिए परिजनों का आक्रोश; परंतु पुलिस रही निष्क्रिय !

पुलिस प्रशासन ने खोए हुए श्रद्धालुओं की खोज के लिए उद्घोषणा करने की सुविधा उपलब्ध कराई है; परंतु संपूर्ण संगम परिसर में इस प्रकार का एक ही कक्ष बनाए जाने से श्रद्धालुओं को असुविधा हो रही है । खोए हुए परिजनों की खोज के लिए उनके परिजनों का ध्वनियंत्र से किया जा रहा आक्रोश सुनाई दे रहा है; परंतु पुलिस प्रशासन केवल यह व्यवस्था उपलब्ध कराने तक ही सीमित दिखाई दे रहा है । उसमें भी खोए हुए श्रद्धालुओं के नाम से उद्घोषणा कर उनके परिजन ‘पूल क्र. १’ के पास आने का आवाहन कर रहे थे; परंतु किसी को भी यह पूल कहां है ?, यह किसी को ज्ञात नहीं था । उसके कारण और असमंजस की स्थिति उत्पन्न हुई । श्रद्धालु इस विषय में क्षोभ व्यक्त कर रहे हैं ।