(और इनकी सुनिए…) ‘देश में मस्जिद एवं दरगाहों के विरुद्ध अभियोग प्रविष्ट होना अनुचित !’ – Former Justice Rohinton Nariman

सर्वोच्च न्यायालय के भूतपूर्व न्यायमूर्ति रोहिंटन नरिमन का हिन्दुद्वेषी वक्तव्य !

सर्वोच्च न्यायालय के भूतपूर्व न्यायमूर्ति रोहिंटन नरिमन

नई दिल्ली – सर्वोच्च न्यायालय के भूतपूर्व न्यायमूर्ति रोहिंटन नरिमन ने वक्तव्य करते हुए कहा ‘आज हम देख रहे है कि संपूर्ण देश में मस्जिद एवं दरगाहों के विरुद्ध अभियोग प्रविष्ट किए जा रहे हैं । मेरे मत अनुसार, इसका प्रतिकार करने का एक मात्र समाधान बाबरी का निर्णय है, की जिसमें पूजा स्थल कानून का (प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट) समर्थन किया गया है । इसलिए बाबरी अभियोग का निर्णय प्रत्येक जिला एवं उच्च न्यायालय के सामने पढना चाहिए; क्योंकि उस निर्णय अंतर्गत ५ पृष्ठ सर्वोच्च न्यायालय के कानून की घोषणा है, की जो सभी के लिए अनिवार्य हैं । इस निर्णय के अनुसार यदि पूजा स्थल कानून लागू हो गया, तो इस प्रकार के प्रकरण सहजता से रुकेंगे ।’ वे अहमदी फाऊंडेशन द्वारा आयोजित ‘धर्मनिरपेक्षता एवं भारतीय संविधान’ विषय पर व्याख्यान में ऐसा बोल रहे थे ।

संपादकीय भूमिका

भारतीय संविधान द्वारा प्रदान किए गए अधिकारों के अंतर्गत हिन्दुओं द्वारा ये अभियोग प्रविष्ट किए जा रहे हैं । फिर भी इस संदर्भ में एक भूतपूर्व न्यायमूर्ति द्वारा इस प्रकार का वक्तव्य करना, हिन्दुओं के लिए अचरज ही है !