बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने लगाया आरोप
ढाका (बांग्लादेश) – मोहम्मद युनूस ने बांग्लादेश को अराजकता में ढकेल दिया है । वहां की वर्तमान अंतरिम सरकार ने देश को ध्वस्त किया है । युनूस के कारण ही बांग्लादेश में सामूहिक हत्याएं हो रही हैं तथा हिन्दुओं को लक्ष्य बनाया जा रहा है, ऐसा वक्तव्य बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री तथा राजनीतिक दल अवामी लीग की अध्यक्ष शेख हसीना ने उनके दल के एक ऑनलाइन कार्यक्रम में बोलते हुए दिया । उन्होंने अवामी लीग के नेताओं तथा कार्यकर्ताओं पर हुए आक्रमणों के लिए भी युनूस सरकार की आलोचना की है । इस वर्ष अगस्त के महिने में बडे स्तर पर हुए हिंसक आंदोलन के उपरांत शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद तथा बांग्लादेश छोडना पडा था । वर्तमान में वे भारत में रह रही हैं ।
Mass murders happening in Bangladesh because of Muhammad Yunus! – Former Bangladeshi Prime Minister Sheikh Hasina makes an allegation
It is now evident to the world what is happening in Bangladesh and who is responsible.
It has become essential for India to take steps to… pic.twitter.com/7wMYmV4WjY
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) December 3, 2024
मैंने लोगों के लिए मेरा देश छोडा !
अगस्त के महिने में उनकी सरकार गिर जाने के विषय में शेख हसीना ने कहा कि मैंने यदि सत्ता में बने रहने का प्रयास किया होता, तो और रक्तपात होता । मेरे पिता मुजीबुर रहमान की भांति मुझे भी मार डालने की उनकी योजना थी । ऐसी स्थिति में ढाका छोडकर चले जाना ही मुझे उचित लगा । मुझे सत्ता में रहने की आवश्यकता नहीं है । उस समय यदि सुरक्षाकर्मियों ने गोलीबारी की होती, तो उसमें अनेक लोग मारे जाते । (मारे जानेवाले लोग ही हिंसा फैलानेवाले थे, तो उसमें अनुचित क्या था ?, यह प्रश्न उठता है; क्योंकि यही लोग अभी भी हिन्दुओं पर अत्याचार कर रहे हैं तथा उनका वंशसंहार करने के प्रयास में हैं ! – संपादक) मुझे वह नहीं चाहिए था । (प्रधानमंत्री पद पर आसीन व्यक्ति को स्वयं को क्या लगता है, इसकी अपेक्षा समाज का किस कारण भला होनेवाला है तथा उसकी रक्षा होनेवाली है, इसे देखना आवश्यक है ! – संपादक)
बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों पर हो रहे आक्रमणों के विषय में शेख हसीना ने कहा कि असंवैधानिक पद्धति से सत्ता हथियानेवाली युनूस सरकार यदि ऐसे लोगों को दंडित करने में असफल सिद्ध होती है, तो मानवीय अधिकारों के उल्लंघन के लिए उन्हें भी दंड दिया जाएगा । लोगों के प्राणों की रक्षा करना महत्त्वपूर्ण है । उसके लिए सरकार को उचित कदम उठाने चाहिए ।
संपादकीय भूमिकाबांग्लादेश में कौन क्या कर रहा है, यह तो सर्वविदित है । भारत सरकार को अब वहां के हिन्दुओं की रक्षा के लिए कदम उठाना अनिवार्य हो गया है । वर्ष १९७१ में इंदिरा गांधी ने बांग्लादेश के हिन्दुओं की रक्षा के लिए ठोस कदम नहीं उठाए; इसलिए इस कार्य को अब वर्तमान सरकार के लिए करना आवश्यक हो गया है ! |