भारत द्वारा बांग्लादेश सरकार को आवाहन !
नई देहली – बांग्लादेश के हिन्दू तथा अल्पसंख्यकों की स्थिति के विषय में हमने हमारा विरोध बिल्कुल स्पष्ट किया है । हिन्दू तथा अन्य अल्पसंख्यकों को मिलनेवाली धमकियां तथा लक्ष्यित (टार्गेटेड) आक्रमणों के विषय में भारत ने बांग्लादेश सरकार के सामने निरंतर एवं कडे रूप में भूमिका प्रस्तूत की है । अंतरिम सरकार ने सभी अल्पसंख्यकाें की रक्षा का दायित्व निभाना चाहिए । चरमपंथी वक्तव्यों की वृद्धि से हमें चिंता हो रही है । हम बांग्लादेश को आवाहन करते हैं कि वे देश केअल्पसंख्यकों की रक्षा हेतु कदम उठाएं । भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जैस्वाल ने यहां पत्रकार परिषद में ऐसी प्रतिक्रिया व्यक्त की ।
🚨🕊️India appeals to Bangladesh government – Take responsibility for the safety of Hindus! 🕊️🚨
Merely making an appeal will not ensure that Bangladesh will protect Hindus. In reality, the very policy of the government there is to attack Hindus. Attacks on Hindus have been… pic.twitter.com/fub4HMbB8m
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) November 29, 2024
चिन्मय प्रभु की बंदी पर जैस्वाल ने कहा कि हम इस्कॉन को बेहद सामाजिक सेवा करनेवाली वैश्विक स्तर की प्रतिष्ठित संस्था को रूप में देखते हैं । जहां तक चिन्मय प्रभु की बंदी का प्रश्न है, हमने इस पर हमारा निवेदन दिया है । व्यक्तियाें के विरुद्ध अभियोग तथा कानूनन प्रक्रिया चल रही हैं । इन प्रक्रियाओं को निष्पक्ष तथा पारदर्शक पद्धति से हल करें तथा इन व्यक्तियाें तथा सभी संबंधित लोगों का पूरा सम्मान करें, हमारी ऐसी अपेक्षा है ।
Starting shortly!
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— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) November 29, 2024
भारत से बांग्लादेश काे होनेवाली वस्तुओं की आपूर्ति के विषय में जैस्वाल ने कहा कि भारत से बांग्लादेश को वस्तुओं की पूर्ति चल ही रही है । बांग्लादेश तथा भारत में व्यापार दोनों ही दिशाओं में चल रहा है ।
संपादकीय भूमिकाकेवल आवाहन करने से बांग्लादेश हिन्दुओं की रक्षा करेगा, ऐसे भ्रम में रहना असंभव है । मूलत: वहां की सरकार की ही हिन्दुओं पर आक्रमण करने की नीति है । अगस्त से वहां के हिन्दुओं पर आक्रमण हो रहे एवं उसमें कोई भी कमी नहीं आई है । इसलिए हिन्दुओं की रक्षा करने हेतु भारत काे कृति के स्तर पर बांग्लादेश सरकार को विवश करना आवश्यक है, तभी बांग्लादेश के हिन्दू ‘सेफ’ (संरक्षित) रहेंगे ! |