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मुंबई – विधानसभा चुनाव से पूर्व मुसलमानों ने २० प्रतिशत स्थानों के साथ उपमुख्यमंत्री पद की भी मांग की थी । उसके अनुसार महाविकास अघाडी (संयुक्त मोर्चा) ने केवल १३ मुसलमान उम्मीदवाराें को उम्मीदवारी दी है । मुसलमान उपमुख्यमंत्री पद का आश्वासन नहीं मिला है । इसी पृष्ठभूमि पर महाविकास अघाडी की सफलता हेतु अब मुसलमान भी आगे आए हैं । इसमें कांग्रेस के इमरान प्रतापगडी समान मुसलमान नेताओं ने दायित्व लिया है । राज्य में १० से ४० प्रतिशत मुसलमान मतदाता रहनेवाले ३० मतदानसंघ हैं । इसलिए मुसलमानों को २३ से ३० स्थान मिलने की दृष्टि से मौलाना सज्जाद नोमानी ने कुछ नेताओं से चर्चा की; परंतु उसके अनुसार कृति न होने से मुसलमानों द्वारा १०० प्रतिशत मतदान होने हेतु ४०० मुसलमान अशासकीय संस्थाओं ने उपक्रम हाथ में लिया है । ‘महाराष्ट्र को बचाने हेतु महाविकास अघाडी (संयुक्त मोर्चा) को एकगठ्ठा मतदान करने तथा एक भी मत ‘इधर-उधर’ देकर व्यर्थ न जाने देने का आवाहन करनेवाले हिन्दीभाषीय पत्रक मुंबई में वितरित किए जा रहे हैं । ये पत्रक निकालनेवाले संगठन का नाम ‘मराठी मुस्लिम सेवा संघ’ है । इसमें ‘वक्फ बोर्ड बचाने हेतु तथा समान नागरिक कानून के विरोध में एवं हिजाब के लिए एकत्रित होने का भी आवाहन किया जा रहा है ।
भाजपा नेता किरीट सोमय्या ने ४०० मुसलमान अशासकीय संस्थाओं के विरोध में परिवाद प्रविष्ट (दाखिल) किया है । चुनाव में मुसलमानों को मतदान करना चाहिए, इसलिए दुबई से आदेश निकला है । मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने ऐसा भी आरोप लगाया है ।
यदि महाविकास अघाडी सत्ता में आई तो मस्जिदों को एफ्.एस्.आइ. (चटई क्षेत्र निर्देशांक) में वृद्धि करने का आश्वासन ठाकरे गुट के सांसद अरविंद सावंत ने दिया था । इसमें वक्फ बोर्ड को खुली छूट देना, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ तथा परिवार के संगठनों के कार्य को नियंत्रित करना, मोहम्मद पैगंबर तथा इस्लाम के विरोध में वक्तव्य देनेवालों पर कडी कार्यवाही करना आदि आश्वासन भी मुसलमानों को दिए गए हैं । इसी पृष्ठभूमि पर इन ४०० संस्थाओं द्वारा भारी मात्रा में मुहिम चलाई जा रही है ।
संपादकीय भूमिकाक्या मुसलमान कट्टरपंथियों के विरूद्ध चुनाव आयोग तत्परता से कार्यवाही करेगा ? |