उत्तराखंड राज्य में अहिंदुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने हेतु कानून बनाएं !

‘काली सेना’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष महामंडलेश्‍वर स्वामी आनंद स्वरूप महाराज द्वारा मांग

‘काली सेना’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष महामंडलेश्‍वर स्वामी आनंद स्वरूप महाराज

हरिद्वार (उत्तराखंड) – ‘काली सेना’ धार्मिक संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी आनंद स्वरूप महाराज ने उत्तराखंड राज्य में अहिंदुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने हेतु कानून बनाने की मांग की । उन्होंने कहा कि ‘देवभूमि उत्तराखंड में लव जिहाद, थूक जिहाद तथा लैंड जिहाद समान अनेक जिहाद उजागर हो रहे हैं । सरकार की लापरवाही का यह परिणाम है । उन्होंने उत्तराखंड की भाजपा सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि उत्तराखंड में अहिंदुओं के प्रवेश पर १२ जनवरी २०२५ तक प्रतिबंध नहीं लगाया गया, तो तीव्र आंदोलन किया जाएगा तथा यह आंदोलन इतना तीव्र होगा कि सरकारी यंत्रणा के प्रयासों के उपरांत भी वह नहीं *रुकेगा* । इस समय उन्होंने ऐसा भी स्पष्ट किया कि तत्पूर्व उत्तराखंड में ढाई *महीने* लोगों से संपर्क किया जाएगा’ ।

हरिद्वार तथा ऋषिकेश में अहिंदुओं को रहने तथा भूमि क्रय करने पर प्रतिबंध है !

हरिद्वार में माध्यमों से संवाद करते हुए स्वामी आनंद स्वरूप ने कहा कि उत्तराखंड में प्रत्येक गांव तथा नगर में लोगों को जागृत किया जाएगा तथा जनता का समर्थन प्राप्त किया जाएगा । हम किसी भी परिस्थिति में उत्तराखंड राज्य का इस्लामीकरण नहीं होने देंगे । वर्ष १९१५ में हरिद्वार तथा ऋषिकेश में एक कानून लागू किया गया था, जिसके अंतर्गत अहिदुओं के लिए यहां स्थायी रूप से रहना तथा भूमि एवं अन्य संपत्ति क्रय करना अवैध है । यह नियम अभी तक लागू है । हम चाहते हैं कि उत्तराखंड सरकार को इस कानून का विस्तार कर उसे संपूर्ण राज्य में लागू करना चाहिए । उत्तराखंड के इस्लामीकरण के विषय में सरकार ने लापरवाही बरती है । सुनियोजित षड्यंत्र के भाग के रूप में उत्तराखंड का इस्लामीकरण किया जा रहा है ।

उत्तराखंड को कश्मीर होने से बचाना है !

स्वामी आनंद स्वरूप ने आगे कहा कि राज्य सरकार सुप्तावस्था में है एवं हमें सरकार को जगाना है । हिमालय किसी के रहने के लिए नहीं, अपितु तपस्वियों का स्थान है । यह एक आध्यात्मिक भूमि है । हिमालय हम हिंदुओं का मंदिर है । हिमालय के देवत्व की हमें रक्षा करना है । उत्तराखंड तथा हिमालय का प्रदेश वर्ष १९९० का कश्मीर बन रहा है तथा हमें उत्तराखंड को कश्मीर होने से बचाना है । उत्तराखंड सरकार को कुछ समझमें नहीं आता ।

संपादकीय भूमिका

एक संत को ऐसी मांग करनी पडती है, अर्थात परिस्थिति गंभीर है । राज्य तथा केंद्र में भाजपा की सरकार होने से इस प्रकरण में गंभीरता से उचित निर्णय लेने की आवश्यकता है, अन्यथा हिंदुओं के धार्मिक स्थल पर बांग्लादेश समान परिस्थिति उत्पन्न होने की संभावना है !