पुणे – मुळा-मुठा नदी में रसायनयुक्त दूषित पानी आने से हजारों मछलियों की मृत्यु हो गई है तथा नाईक बेट क्षेत्र में मरी हुई मछलियों का अंबार लग गया है। इससे क्षेत्र में तेज दुर्गंध फैल गई है। इस स्थान पर नगर निगम का नायडू सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट भी स्थित है। नगर निगम ने यहां के पानी के नमूने जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे हैं। रिपोर्ट २-३ दिनों में मिलने के बाद यह स्पष्ट हो सकेगा कि मछलियों की मृत्यु का सही कारण क्या है ? यह जानकारी अतिरिक्त आयुक्त पृथ्वीराज बी.पी. ने दी।
१. संगमवाड़ी में मुळा और मुठा नदियों का संगम होता है। शहर का मलमिश्रित पानी बिना उपचार के सीधे नदी में छोड़ा जा रहा है, जिससे नदी प्रदूषित हो गई है।
२. मलमिश्रित पानी को नदी में जाने से रोकने के लिए नगर निगम द्वारा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाए गए हैं। शहर में प्रतिदिन ९०० एमएलडी सीवेज में से केवल ४५० एमएलडी पानी का उपचार करके इसे नदी में छोड़ा जाता है। फिर भी ४५० एमएलडी गंदा पानी सीधे नदी में जा रहा है।
३. मुठा नदी में केवल सीवेज का पानी आ रहा है, जबकि मुळा नदी में पिंपरी-चिंचवड़ क्षेत्र के उद्योगों से छोड़ा जाने वाला रसायनयुक्त विषैला पानी बिना किसी प्रक्रिया के सीधे नदी में मिल रहा है। इससे इन नदियों का पानी जीवों के लिए खतरनाक हो गया है।
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