आंदोलनकारियों पर पुलिसद्वारा किए गए लाठीप्रहार के निषेधार्थ रखा गया बंद !
उत्तरकाशी (उत्तराखंड) – यहां अवैध मस्जिद हटाने की मांग करते हुए हिन्दू संगठन मार्ग पर आए हैं । स्थानीय हिन्दू तथा धार्मिक संगठनों से संबंधित लोगाें ने २४ अक्टूबर को फेरी निकाली । इस समय हुए पथराव के पश्चात तनाव उत्पन्न हुआ । इसलिए पुलिसकर्मियों ने आंदोलनकारियों पर लाठीप्रहार किया । इसमें २७ लोग घायल हो गए ।
Hindu organisations’ protest demanding action against the illegal mosque in #Uttarkashi, #Uttarakhand
A bandh was observed in protest against the police lathicharge on the protestors!
Why did the protest arise regarding the illegal mosque construction?
Even after repeated… pic.twitter.com/fo85RNT0TM
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) October 25, 2024
पुलिसद्वारा किए गए लाठीप्रहार के निषेधार्थ हिन्दू संगठनों ने २५ अक्टूबर को बंद रखने का आवाहन किया था । इसलिए यहां बंद को उत्स्फूर्त प्रतिसाद मिला ।
१. उत्तरकाशी के बराहत क्षेत्र में सरकारी भूमि पर अवैध रूप से मस्जिद का निर्माणकार्य करने का आरोप हिन्दू संगठन कर रहे हैं । मस्जिद गिराने कीमांग निरंतर हो रही है । इस विषय में २४ अक्टूबर को आंदोलनकारियों ने हनुमान चौक से मोर्चा निकाला था ।
२. इस मोर्चे से उत्तरकाशी, दुंडा, भटवाडी तथा जोशियारा के बाजारहाट पूर्ण रूप से बंद थे । आंदोलनकारी हनुमान चौक से मस्जिद की दिशा में जाने लगे तो उन्हें रोकने हेतु जिला प्रशासन ने गंगोत्री राष्ट्रीय महामार्ग पर भटवाडी में अडचनें (बैरिकेड्स) लगाए । आंदोलनकारियों द्वारा बैरिकेडिंग हटाना आरंभ करने पर उनका पुलिसकर्मियों के साथ विवाद हुआ । पुलिस ने उन्हें आगे जाने से रोका, तो आंदोलनकारियों ने धरना कर हनुमान चालीसा का पठन आरंभ किया ।
३. तदुपरांत आंदोलनकारियों ने बैरिकेड्स हटाने का प्रयास किया, तो उनकी पुलिसकर्मियों के सांथ छीना झपटी हुई । पुलिसकर्मियों ने आंदोलनकारियों पर लाठीप्रहार किया । इस समय अश्रुगैस के गोले भी दागे गए । मुठभेड में ७ पुलिसकर्मियों के साथ २७ लोग घायल हुए ।
आंदोलनकारियों का कहना है कि परिस्थिति खराब करने के षड्यंत्र के भाग के रूप में पुलिसकर्मियों पर पथराव किया गया ।
४. उत्तरकाशी के पुलिस अधीक्षक अमित श्रीवास्तव ने कहा कि उन्होंने पथराव की घटना को गंभीरता से लिया है तथा उसकी जांच की जा रही है । आरोपियों की पहचान कर उन पर कार्यवाही की जाएगी । अब नगर में परिस्थिति सामान्य तथा शांतिपूर्ण है । नगर में सुरक्षा हेतु पर्याप्त पुलिस व्यवस्था नियुक्त की गई है ।
५. मोर्चे के उपरांत मस्जिद के आसपास की सुरक्षा भी कडी कर दी गई है । इस क्षेत्र में प्रतिबंधात्मक आदेश लागू किए गए हैं ।
क्या है प्रकरण ?
हिन्दुओं का ऐसा कहना है कि सरकारी भूमि पर अवैध रूप से मस्जिद का निर्माणकार्य किया गया है ; परंतु जिला प्रशासन का कहना है कि मस्जिद पुरानी है एवं मुसलमान समाज के लोगों की भूमि पर बांधी गई है । उत्तरप्रदेश सरकार के मुस्लिम वक्फ विभाग द्वारा २० मई १९८७ को प्रकाशित सरकारी राजपत्र में इस मस्जिद का उल्लेख है । वर्ष २००५ में पारित तहसीलदार के आदेश में यह मस्जिद संबंधित भूमि पर बांधी गई है । संयुक्त सनातन धर्म रक्षक संघ द्वारा सूचना अधिकार के (आर.टी.आय.) अंतर्गत मस्जिद की जानकारी मांगने पर यह विवाद आरंभ हुआ । इसमें जिला प्रशासन ने अस्पष्ट जानकारी देते हुए कहा कि उनके पास आवश्यक दस्तावेज नहीं है ।
आज हिन्दू संगठन द्वारा उत्तरकाशी में निकाली गई जनआक्रोश रैली के दौरान भीड़ के द्वारा बैरिकेटिंग्स को तोड़ते हुए पथराव किया गया, पथराव में पुलिस के 07 पुलिस अधिकारी/कर्मी घायल हुए हैं, जिनमें गंभीर रूप से घायल 02 पुलिस जवानों को एम्बुलेंस से हायर सेंटर देहरादून रैफर किया गया है। pic.twitter.com/C6juggvpGH
— Uttarkashi Police Uttarakhand (@UttarkashiPol) October 24, 2024
तदुपरांत ६ सितंबर, २०२४ को हिन्दू संगठनों ने मस्जिद ताेडने की मांग करते हुए जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर आंदोलन किया । उन्होंने प्रशासन काे ३ दिन की अवधि प्रदान की थी । उन्होंने कहा था कि यदि मांगें पूरी नहीं की गईं तो वे स्वयं मस्जिद तोडेंगे । तत्पश्चात उत्तरकाशी के जिला दंडाधिकारी ने इस प्रकरण की जांच के लिए एक समिति स्थापित की । समिति ने कहा कि मस्जिद वैध है तथा वह सरकारी भूमि पर नहीं है ।
कल उत्तरकाशी में संयुक्त सनातन धर्म रक्षक संघ द्वारा आयोजित रैली घटना प्रकरण के संबंध में पुलिस अधीक्षक उत्तरकाशी श्री अमित श्रीवास्तव सर की बाइट…
कानून एवं शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की गई।#uttarkashipoliceuttarakhand pic.twitter.com/fLHiBME7Rl— Uttarkashi Police Uttarakhand (@UttarkashiPol) October 25, 2024
पुलिस अधीक्षक अमित श्रीवास्तव ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि हमारी टिप्पणी के अनुसार यह मस्जिद पंजीकृत भूमि पर बांधी गई है । यह भूमि ४ लोगों के नाम पर है । प्रशासन ने इस विषय में इन संस्थाओं को जानकारी दी है ।
संपादकीय भूमिका
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