शारदीय नवरात्रि निमित्त उत्तर प्रदेश के कानपुर, अयोध्या, भदोही में तथा बिहार के समस्तीपुर और गया में ६ प्रवचन हुए; जिसमें जिज्ञासुओं को देवी पूजा से संबंधित शास्त्रों की जानकारी दी गई । इसका लाभ अनेकों देवी भक्तों ने उठाया ।
उत्तर प्रदेश के जौनपुर, गाजीपुर, भदोही, वाराणसी तथा बिहार के पटना, हाजीपुर, दानापुर, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर और गया में सनातन संस्था द्वारा प्रकाशित ग्रंथों तथा धर्मशिक्षा देनेवाले फ्लेक्स की प्रदर्शनी का आयोजन किया गया । इसका लाभ अनेकों जिज्ञासुओं ने लिया ।
क्षणिकाएं
१. हाजीपुर के हितचिंतक श्री. सुजीत सोनी की पत्नी श्री. संगीता सोनी ने कन्यापूजन के उपलक्ष्य में सनातन के ३० सात्त्विक लघुग्रन्थ भेंटस्वरूप कन्याओं को दी । उन्हें इस बार शास्त्र के अनुसार कृति करने का बहुत आनन्द मिला । दोनों पति-पत्नी ने नवरात्रि का उपवास बिना नमक के किया, तब भी लगातार ६ दिन की प्रदर्शनी की सेवा में उत्साह से सहभागी हुए ।
२. अनेकों जिज्ञासुओं ने बताया कि वे सनातन की ग्रंथ एवं धर्मशिक्षा प्रदर्शनी की प्रतीक्षा करते हैं ।
‘जो कंस एवं रावण जैसे असुरों के संहार का बडा निमित्त बनकर आते हैं एवं दुष्टों का दमन करते हुए विश्व को उचित मार्ग दिखाते हैं, उन्हें नैमित्तिक (प्रासंगिक) अवतार कहा जाता है । जब-जब धर्म की हानि होती है एवं अधर्म का प्रभाव बढता है, तब-तब भगवान की शक्ति, चेतना अवतीर्ण होती है । (साभार : मासिक ‘ऋषि प्रसाद’, अप्रैल २०२१) |
‘सभी लोग नामजप के साथ ध्यान नहीं करते । इस कारण ध्यान के बिना उनको विशेष लाभ भी नहीं मिलता । लोभी मानवी की भांति भगवान के नाम का अधिकाधिक जप करना चाहिए एवं कर्मचारी मानवी की भांति निरंतर स्वरूप का ध्यान करना चाहिए ।’ (संदर्भ : मासिक ‘ऋषि प्रसाद’, जून २०२०) |