युद्ध कुटनीति एवं शासन कुशलता पर अनुसंधान होगा !
नई देहली – यहां जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में अर्थात (‘जे.एन.यु.’ में) अगले वर्ष से छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम से ‘सेंटर ऑफ एक्सलन्स’ नामक केंद्र का आरंभ किया जाएगा। भारतीय ज्ञान प्रणाली में आदर्श परिवर्तन लाना, यह केंद्र का उद्देश्य है । यह केंद्र ‘जे.एन्.यु.’ के ‘सेंटर ऑफ इंटरनैशनल स्टडीज’ के अंतर्गत कार्यरत होगा। इस उपक्रम के लिए महाराष्ट्र सरकार ने १० करोड रुपयों का अनुदान भी दिया है। ‘जे.एन.यु.’ की कुलपति प्रा. शांतिश्री धुलीपुडी पंडित ने कहा, ‘‘छत्रपति शिवाजी महाराज की नौसेना, युद्धनीति एवं हिन्दवी स्वराज्य की संकल्पना, इन विषयों का अब तक ठीक से अध्ययन नहीं हुआ है। इसी कारण ये विषय सिखाने का निर्णय हमने लिया है ।’’
#JNU launches Centre of Excellence named after Chhatrapati Shivaji Maharaj!
"Enriching India's strategic thought & security studies, inspired by Shivaji Maharaj's innovative legacy." – Vice Chancellor Santishree Dhulipudi Pandit
Maharashtra Govt grants ₹10 cr.
Courses:… pic.twitter.com/AQAc1SSiyZ
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) October 19, 2024
केंद्र की रचना एवं पाठ्यक्रम !
इस केंद्र में कुल १४ पद होंगे । उनमें १ प्राध्यापक (प्रोफेसर), २ सहयोगी प्राध्यापक एवं ४ सहायक प्राध्यापक सम्मिलित होंगे। इन के साथ ही अन्य पदों पर भी नियुक्ति की जाएगी। इसके अलावा इस केंद्र में ‘आइटी इन्फ्रास्ट्रक्चर लॅब’, वाचनालय, अभ्यासिका आदि सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी। इस केंद्र के पाठ्यक्रम में ‘मराठा ग्रैंड स्ट्रैटेजी’, ‘गुरिल्ला डिप्लोमसी’, ‘स्ट्रैटेजिक प्रोचेस टू असिमेट्रिक वॉरफेयर’, आदि विषय समाहित होंगे। छात्रों को इन विषयों पर शोध करने का अवसर दिया जाएगा। इस केंद्र के निर्माण के लिए ‘ईस्ट एशियन स्टडीज सेंटर’ के प्रा. अरविंद वेल्लारी एवं ‘यूरोपीयन स्टडीज’ सेंटर के डॉ. जगन्नाथन जैसे विशेषज्ञों की सहायता ली जाएगी। इसी के साथ छत्रपति शिवाजी महाराज के प्रशासन का साक्षात्कार करानेवाला अत्याधुनिक संग्रहालय भी निर्माण किया जाएगा ।’