फिल्म निर्माताओं को दिया निर्देश
तिरुवनंतपुरम – केरल उच्च न्यायालय ने हाल ही में अभिनेताओं तथा प्रसिद्ध हस्तियों को उन फिल्मों में भूमिका नहीं निभाने का निर्देश दिया है जो महिलाओं को अपमानजनक ढंग से चित्रित करती हैं । न्यायाधीश हेमा ने मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं के यौन उत्पीड़न को लेकर सरकार को एक रिपोर्ट सौंपी है । इससे जुड़े प्रकरणों की सुनवाई के लिए नियुक्त किए गए न्यायाधीश ए. के. जयशंकरन नांबियार तथा न्यायमूर्ति सी. एस. सुधा की विशेष पीठ ने यह निर्देश दिया । चूंकि प्रतिष्ठित व्यक्ति लोगों को प्रभावित करने में सक्षम होते हैं, इसलिए उसे महिलाओं को अपमानित करने वाली भूमिकाएं करने से बचना चाहिए । पीठ ने कहा, ऐसा करना उनका मौलिक कर्तव्य और दायित्व है ।
न्ययालय ने आगे कहा
१. प्रत्येक नागरिक का यह मौलिक कर्तव्य है कि किसी भी महिला के साथ अपमानजनक व्यवहार न किया जाए; लेकिन इसे अधिकतर अनदेखा कर दिया जाता है; क्योंकि विख्यात हस्तियों अथवा अभिनेताओं को ‘कलात्मक अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की सुरक्षात्मक छत्र’ के अन्तर्गत कानूनी कार्रवाई से छूट मिलती है ।
२. प्रतिष्ठित व्यक्ति को यह भान होना चाहिए कि जैसे-जैसे उनकी लोकप्रियता बढ़ती है, वैसे-वैसे समाज के प्रति उनका दायित्व भी बढ़ता है । इसलिए, यह आवश्यक है कि वे संविधान द्वारा निषिद्ध गतिविधियों में सम्मिलित होने से बचें । समाज में सुधार लाना प्रतिष्ठित व्यक्ति का कर्तव्य है ।
३. प्रत्येक बात कानून के माध्यम से करने की आवश्यकता नहीं है । यह आपके विवेक को स्मरण रहना चाहिए ।
४. हेमा समिति की रिपोर्ट के अंतर्गत सामने आई शिकायतों पर विचार करते हुए पीठ विशेष जांच दल को कानून के अनुसार कार्रवाई करने का आदेश देगी ।