उडुपी के पेजावर मठ के विश्व प्रसन्न स्वामीजी की मांग !
उडुपी (कर्नाटक) – तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मछली का तेल, सूअर की चर्बी तथा गोमांस से बनी चर्बी का उपयोग करना, हिंदू समाज का बड़ा अपमान है । यह देवता का भी अपमान है । यह नीच कृत्य सरकार ने ही किया है, जो अत्यंत निंदनीय है। धार्मिक केंद्र सरकार के नियंत्रण में नहीं होने चाहिए, वे सभी हिन्दू धर्मावलंबियों के नियंत्रण में होने चाहिए । सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय में भी यही कहा गया है । अब तो मंदिरों को सरकार के नियंत्रण से मुक्त किया जाना चाहिए । तिरुपति मंदिर का प्रबंधन हिन्दूओं को सौंपा जाए, ऐसी मांग उडुपी के पेजावर मठ के विश्व प्रसन्न स्वामीजी ने की है।
स्वामीजी ने आगे कहा, “तिरुपति के श्रीनिवास ने गाय की रक्षा के लिए अवतार लिया था,” ऐसा पुराण कहता है । इस पुण्यक्षेत्र में गाय साँप को दूध पिला रही थी। उस समय श्रीनिवास ने ही मालिक के चंगुल से गाय को बचाया था, ऐसा बताया जाता है । ऐसे श्रीनिवास को ही गाय की चर्बी वाला प्रसाद दिया गया । यह एक अक्षम्य अपराध है। यह हिन्दुओं की धार्मिक आस्था पर किया गया आक्रमण है।”