कट्टरतावाद पर लगाम लाने हेतु उठाया कठोर कदम
(हिजाब अर्थात मुसलमान महिलाओं को सिर एवं गरदन ढंकने हेतु प्रयोग में लाया जाता वस्त्र)
दुशान्बे (ताजिकिस्तान) – ९६ प्रतिशत मुसलमान जनसंख्या वाले ताजिकिस्तान ने कट्टरतावाद के विरुद्ध कठोर कदम उठाए हैं । देश में महिलाओं के हिजाब पहनने पर संपूर्णतः प्रतिबंध लगाया गया है । वर्ष २००७ से विद्यालयों में एवं वर्ष २००९ से सार्वजनिक संस्थाओं में हिजाब पहनने पर प्रतिबंध था । परंतु अब देश में कहीं भी महिलाएं हिजाब अथवा कोई भी कपडे से सिर ढक नहीं सकती । पिछले ३ दशकों से सत्तारूढ अध्यक्ष इमोमाली रहमान ने कहा, ‘धार्मिक पहचान देश के विकास में बाधा स्वरूप सिद्ध होती है । दूसरी ओर यह कदम उठाने के पश्चात देश के धर्मांध लोगों के सरकार के विरुद्ध एकत्रित होने का भय भी व्यक्त किया जा रहा है ।
Tajikistan Hijab Ban: Nationwide Ban on #Hijab in Mu$|!m-majority #Tajikistan
Strict measures taken to curb #extremism !
After Indonesia, India has the second largest Mu$|!m population in the world.
🚨Since j!h@d! #terrorism has affected India, there should be a ban on both… pic.twitter.com/1TkD4Oqb0n
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) September 13, 2024
कट्टरतावाद पर लगाम लगाने हेतु अन्य नियम
१. सरकार ने कानून किया है कि बच्चे सार्वजनिक स्थानों पर धार्मिक कार्यक्रमों में सहभागी नहीं हो सकते । विदेश में जाकर भी यदि कोई बच्चा धार्मिक शिक्षा लेता हो, तो उसके अभिभावकों को दंड भोगना पडेगा ।
२. इसके अतिरिक्त सरकार मस्जिदें भी बंद करेगी ।
३. ताजिकिस्तान सरकार का कहना है कि इस प्रतिबंध का उद्देश्य हमारे राष्ट्रीय सांस्कृतिक मूल्यों की रक्षा करना हैं । इस माध्यम द्वारा अंधश्रद्धा एवं कट्टरतावाद से लडने में सहायता होगी ।
४. सरकार इस्लामी जीवनशैली एवं अस्मिता को धर्मनिरपेक्षता की चुनौतियां मानती है ।
५. वर्तमान में देश में दाढी रखने के विरुद्ध कोई कानून नहीं है, तथापि कोई यदि दाढी बढाता है, तो सरकार ही उसे बलपूर्वक काटेगी ।
६. सरकार ने वर्ष २०१७ में १ सहस्र ९३८ मस्जिदों को ताले लगाए हैं । उनका रूपांतरण चायकी दुकान एवं चिकित्सकीय केंद्रों में किया जा रहा है ।
ताजिकिस्तान एवं इस्लामी आतंकवाद !
ताजिकिस्तान सरकार कट्टरतावाद को अपना सबसे बडा शत्रु मानती है । पिछले कुछ वर्षों में यहां सैकडों युवको ने इस्लामिक स्टेट में प्रवेश किया । पिछले वर्ष रूस की राजधानी मॉस्को में क्रोकस सिटी हॉल पर हुए आतंकवादी आक्रमण में ताजिक आतंकियों का सहभाग था । इस आक्रमण में १४० से अधिक लोगों की मृत्यु हो गई थी ।
इस्लामिक स्टेट में सहभागी होने हेतु सीरिया एवं इराक में गए ताजिक नागरिकों की संख्या वर्ष २०१४ में २००, २०१५ में १ सहस्र, तो २०१८ में लगभग १ सहस्र थी ।
संपादकीय भूमिका
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