Vadodara Muslims Waved Arabic Flags : प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत निर्माण किए हुए भवनों पर मुस्लिमों ने फहराए अरबी ध्वज !

  • गुजरात के सूरत के उपरांत अब वडोदरा में तनाव !

  • सार्वजनिक गणेशोत्‍सव मनाने पर विरोध !

वडोदरा (गुजरात) – सूरत के उपरांत अब गुजरात के वडोदरा में गणेशोत्‍सव में तनाव निर्माण हुआ है । प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत निर्माण किए गए कुछ भवनों पर मुस्लिमों द्वारा अरबी ध्‍वज फहराने से तनाव निर्माण हुआ । १० मंजिल सोसाइटी में ४५० घर हैं । इनमें से ४८ घर मुस्लिमों को दिए गए हैं तथा उनके घरों पर अरबी ध्‍वज फहराए गए हैं । (‘सबका साथ सबका विकास सबका विश्‍वास सबका प्रयास’ इस योजना के अंतर्गत मुस्लिमों का चाहे कितना भी विकास कर लो, तब भी कुत्ते की पूंछ हंमेशा टेढी ही रहेगी, इसके अनुसार वे कभी भी भारत का विश्‍वास हासिल नहीं कर सकते, यही सत्य है ! – संपादक) कहा जाता है कि यह घटना ९ सितंबर को हुई ।

१. वडोदरा शहर के वसना-भयली परिसर के प्रधानमंत्री योजना के अंतर्गत निर्माण किए गए ‘अर्बन सेवन टॉवर्स’ में यह घटना उजागर हुई है ।

२. इस भवन में बहुसंख्‍यक हिन्दू होने से उन्होंने गणेशोत्‍सव के अवसर पर श्री गणेशमूर्ति की स्थापना की है । साथ ही उनमें से एक भवन-निवासी हिन्दू ने गणेश मंडल की स्थापना कर वहां वे सार्वजनिक गणेशोत्‍सव मना रहे हैं ।

३. वहां के एक मुस्लिम ने सार्वजनिक गणेशोत्‍सव से कष्ट होने का कारण देते हुए अपने घर पर अरबी ध्‍वज फहराया । इस पर स्‍थानीय हिन्दुओं ने उसका तीव्र विरोध किया । इस कारण अन्‍य मुसलमान एकत्र हुए तथा वे ध्‍वज न हटाने पर दृढ रहे । इस समय उन्होंने विरोध करनेवाले हिन्दुओं को धमकाया, साथ ही मुस्लिमों के सभी ४८ घरों पर अरबी ध्‍वज फहराए गए ।

४. इसपर हिन्दुओं ने प्रसारमाध्‍यमों द्वारा स्‍थानीय प्रशासन से मांग की है कि भवनों पर अरबी ध्‍वज फहरानेवाला मुसलमान भाडे पर रह रहा है तथा संबंधित घर के मालिक को उसे इस स्थान से हटाना चाहिए । ये लोग हमारे प्रत्‍येक हिन्दू त्योहार को कलंकित करने का काम करते हैं ।

५. पुलिस एवं नगरसेवक घटना स्थल पर तत्काल पहुंचे तथा प्रकरण को शांत करवाया ।

संपादकीय भूमिका 

क्या हिन्दू कभी भी मुस्लिमों के ईद जैसे त्योहारों का विरोध करते हैं ? तथापि हिन्दुओं के त्योहार हो अथवा मुसलमानों के, हिन्दुओं को ही लक्ष्य (टार्गेट) किया जाता है । इसपर प्रभावी हिन्दूसंगठन एवं शारीरिक, मानसिक तथा आध्‍यात्मिक स्‍तर पर उनका सक्षम होना, यही एकमात्र विकल्प !