राष्ट्रीय जांच एजेंसी की अदालत का निर्णय !
लक्ष्मणपुरी (उत्तर प्रदेश) – हिन्दुओं के अवैध धर्मांतरण के प्रकरण में राष्ट्रीय जांच एजेंसी की अदालत ने मौलाना उमर गौतम, मौलाना कलीम सिद्दीकी के साथ १४ मुसलमानों को दोषी पाया । इन सभी का एक गिरोह फ़तेहपुर में काम कर रहा था। उन्हें भारतीय दंड संहिता की धारा ४१७, १२०बी, १५३ए, १५३बी, २९५ अ, १२१अ और १२३ के साथ-साथ अवैध धर्मांतरण से संबंधित धारा ३, ४ और ५ के तहत दोषी ठहराया गया था। जस्टिस विवेकानंद शरण त्रिपाठी जल्द ही सभी दोषियों को सजा सुनाएंगे ।
14 Mu$|!m$ guilty of establishing a nationwide network to convert Hindus. – Verdict of the Special National Investigation Agency (NIA) Court
👉 This verdict yet again proves the Nation wide conspiracy to convert Hindus
Will the Central Govt at least now make strict… pic.twitter.com/m4jbHTbG1o
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) September 10, 2024
मामला क्या है ?
वर्ष २०२२ में खुलासा हुआ था कि मौलाना उमर गौतम और मौलाना कलीम सिद्दीकी के नेतृत्व में एक गिरोह देश भर में धर्मांतरण की ट्रेनिंग दे रहा है । गिरोह ऐसे लोगों को निशाना बनाता है जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं, साथ ही विकलांग भी हैं। वे ऐसे लोगों को प्रलोभन देकर या भय व दबाव देकर धर्म परिवर्तन कराते थे। यदि धर्म परिवर्तन करने वालों पर दबाव डाला जाए तो उन्हें अपने रिश्तेदारों को भी इस्लाम अपनाने के लिए मजबूर करना चाहिए। इसके लिए इन धर्मान्तरित लोगों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया। इसमें बताया गया था कि कैसे हिन्दुओं को उनके धर्म के बारे में भ्रामक जानकारी देकर उन्हें भ्रमित किया जाए ? जांच एजेंसी ने कोर्ट को बताया कि गिरोह ने देशव्यापी नेटवर्क बनाया हुआ है । इस काम के लिए दोषियों को हवाला के माध्यम से विदेश से पैसे भी दिए जाते थे ।
संपादकीय भूमिकाइस निर्णय से सिद्ध होता है कि ‘राष्ट्रीय स्तर पर हिन्दुओं के धर्म परिवर्तन की साजिश चल रही है।’ अब तो केंद्र सरकार देशभर में कठोर धर्मांतरण विरोधी कानून बनाएगी क्या ? |