तत्कालीन सरकार द्वारा दी हुई नियोजित भूमि की अपेक्षा अधिक स्थान पर अतिक्रमण
भिलाई (छत्तीसगढ) – यहां महापालिका के दल ने मस्जिद का अवैध अतिक्रमण हटाया । इस कार्यवाही के लिए ८ सितंबर के दिन महापालिका के कर्मचारी घटना स्थल पर पहुंचे । इस समय बडी संख्या में पुलिस बल की उपस्थिति थी । इस भूमि का व्यवस्थापन देखने वाली कर्बला समिति को ३ दिन पूर्व महापालिका ने नोटिस भेजा था । महापालिका के दल ने मस्जिद की दीवार, ५ दुकानें, १ सभागृह और स्वागत प्रवेशद्वार बुलडोजर की सहायता से गिरा दिया ।
१. कर्बला समिति को वर्ष १९८४ में भिलाई-रायपुर महामार्ग के समीप मस्जिद के निर्माण के लिए लगभग ८०० वर्ग फुट भूमि सरकार की ओर से मिलने का आरोप है । यह भूमि उसे विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण ने दी थी; लेकिन कर्बला समिति ने इस भूमिका गलत प्रयोग कर ८०० वर्ग फुट के स्थान पर ढाई एकड भूमि पर अतिक्रमण किया था । (मुसलमान किस तरह से भूमि हथियाते हैं, इसका यह उदाहरण ! – संपादक)
२. मस्जिद के नाम पर समिति ने सभागृह और ५ दुकानों का निर्माण किया । साथ ही सैलानी बाबा के नाम से समाधि भी बनाई । इन सभी पर महापालिका का बुलडोजर चला ।
३. कर्बला समिति ने महापालिका की कार्यवाही का विरोध करते हुए यह भूमि १९५७ से उसके नियंत्रण में होने का दावा किया ।
४. इस प्रकरण में भाजपा के नेता एस.के. मोबीन उर्फ बाबर ने शिकायत प्रविष्टि की थी । ‘सैलानी बाबा की समाधि से लगे सुपेला-भिलाई महामार्ग की भूमि समिति के लोगों ने अवैध ढंग से नियंत्रण मे ली है’, ऐसा बाबर ने कहा है ।
५. ‘कर्बला समिति के अध्यक्ष गुलाम सैलानी ने दरगाह के नाम पर करोडो रुपए की भूमि का अधिग्रहण कर वहां दुकानों का निर्माण किया और इसे किराए पर देकर बडी मात्रा में किराया वसूल किया’, ऐसा बाबर ने बताया ।
संपादकीय भूमिका
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