Uttarakhand Muslims banned in villages : उत्तराखंड के अनेक गांवों में मुसलमानों के प्रवेश पर प्रतिबंध !

  • हिन्दू महिलाओं की सुरक्षा के लिए ग्रामीणों का निर्णय !

  • गांव के बाहर लगाए प्रतिबंध के फलक !

गांव के बाहर लगाए प्रतिबंध के फलक

देहरादून (उत्तराखंड) – उत्तराखंड के कुछ गांवों में स्थानीय निवासियों ने मुसलमानों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है । सभी ग्रामीणों ने एकमत से गांव के बाहर इस आशय के फलक लगाए हैं । इस माध्यम से मुसलमान फेरीवालों को गांव में प्रवेश न देने की स्पष्ट सूचना दी गई है । इस नियम का उल्लंघन करने वालों से ५ सहस्र रुपए का जुर्माना वसूल किया जाएगा । हिन्दू महिलाओं की सुरक्षा के लिए यह निर्णय लेने की बात स्थानीय नागरिकों ने स्पष्ट की है।

पहचानपत्र के बिना दिखने वाले किसी भी संदेहास्पद व्यक्ति को पकड कर पुलिस को सौंपने की सलाह ग्रामीण को दी है । इस प्रकार के फलक सर्वाधिक संख्या में राज्य के रुद्रप्रयाग जिले में देखने को मिल रहे हैं । गौरीकुंड, त्रियुगीनारायण, मेंखंडा, शेरसी, नायलसू आदि ग्रामसभा के ग्रामीणों ने गांव के बाहर बडे फलक लगाकर चेतावनी दी है ।

१. ८ सितंबर से ऐसा संदेश देने वाले फलक सामाजिक माध्यमों पर बडी मात्रा में प्रसारित हुए हैं ।

२. चमोली जिले के नंदप्रयाग भाग में अवयस्क हिन्दू लडकी के साथ बाल काटने वाले एक मुसलमान द्वारा अश्‍लील कृत्य करने की बात हाल ही में सामने आई थी । इस पर स्थानीय हिन्दू अत्यधिक क्रोधित हैं ।

३. इसी कारण हिन्दू संगठनों ने आगे आकर ग्राम स्तर पर लोगों द्वारा बाहर से आने वाले मुसलमानों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया ।

४. ग्रामीणों के इस निर्णय का अनेक मुसलमानों और दक्षिण विचारधारा के लोगों ने विरोध किया है ।

क्या लिखा है फलकों पर ?

गौरीकुंड ग्रामसभा के फलक पर लिखा है कि अहिन्दू अथवा रोहिंग्या मुसलमानों और फेरीवालों को गांव में व्यवसाय करने की अथवा घूमने की मनाही है । गांव में कहीं भी दिखने पर उनके विरुद्ध दंडात्मक और कानूनी कार्यवाही की जाएगी ।

शेरसी गांव के हिन्दुओं की व्यथा !

इस संबंध में शेरसी गांव के ग्रामीणों ने बताया कि, अधिकांश समय गांव के पुरुष घर के बाहर होते हैं और पैसा कमाने के लिए अलग-अलग शहरों में जाते हैं । इस कारण घर में केवल महिलाएं होती हैं । जिनके पास कोई भी पहचानपत्र नहीं, वे गांव में जाते हैं । हमारे गांव में एक मंदिर है, जहां कभी भी ताला नहीं लगता । उस मंदिर में भी चोरियां हुई है । गहनों की एक दुकान का ताला तोडकर भी बीच में चोरी की गई थी । ऐसी घटनाओं के कारण लोग सतर्क हुए हैं । जनजागृति के लिए यह फलक लगाए जाने की बात ग्राम वासियों ने बताई है ।

संपादकीय भूमिका 

हिन्दू महिला और युवतियों को लक्ष्य करने वालों पर सरकार की ओर से कठोर कार्यवाही न होने से ही ‘जनताजनार्दन’ को स्वयं की रक्षा के लिए ऐसा निर्णय लेना पडना, यह अभी तक की सभी पार्टियों की सरकार के लिए लज्जाजनक !