Emergency Movie Controversy : आपातकाल पर आधारित ‘इमरजेंसी’ फिल्म पर जबलपुर उच्च न्यायालय ने लगाई रोक !

सेंसर बोर्ड को सिख संगठनों का पक्ष सुनने के बाद ही निर्णय लेने का आदेश !

जबलपुर (मध्य प्रदेश) – अभिनेत्री एवं भाजपा सांसद कंगना रनौत अभिनीत फिल्म ‘इमरजेंसी’ को स्वीकृति मिलने में बाधाएं निरंतर बढती जा रही हैं। एक तरफ जहां फिल्म का कांग्रेस नेताओं द्वारा पुरजोर विरोध किया जा रहा है क्योंकि यह आपातकाल के समय की घिनौनी सच्चाई को उजागर करती है। दूसरी ओर, दो सिख संगठनों ने फिल्म के ‘ट्रेलर’ (विज्ञापन) पर आपत्ति जताते हुए मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की जबलपुर बेंच में याचिका प्रविष्ट की है । न्यायालय ने फिल्म के प्रसारण पर रोक लगा दी है । न्यायालय ने सेंसर बोर्ड को फिल्म को अनुमति देने से पहले सिख समुदाय के प्रतिनिधियों की बात सुनने का निर्देश दिया है ।

१. ‘जबलपुर सिख संगत’ और ‘श्री गुरुसिंघ सभा इंदौर’ ने याचिका प्रविष्ट कर फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी ।

२.  मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा और न्यायमूर्ति विनय सराफ की पीठ के समक्ष बोर्ड के डिप्टी सॉलिसिटर जनरल (डिप्टी सॉलिसिटर जनरल) पुष्पेंद्र यादव ने उत्तर दिया ।

३.  यादव ने कहा कि फिल्म को सिर्फ ऑनलाइन सर्टिफिकेट नंबर दिया गया है। अन्य प्रमाणपत्र प्रलंबित है ।

४. कांग्रेस शासित तेलंगाना में इस फिल्म पर पहले ही प्रतिबंध लगाया जा चुका है।

संपादकीय भूमिका 

  • कांग्रेस द्वारा घोषित आपातकाल भारत का काला इतिहास ही है । इसलिए यह सत्य समाज तक जाने के लिए भाजपा सरकार द्वारा प्रयास करना आवश्यक है ।
  • हिन्दू धर्म का घोर अपमान करने वाले सैकडो चलचित्र (फिल्म) आज तक प्रसारित हुई है; जिन्हें हिन्दुओं ने वैधानिक मार्ग से विरोध करने पर भी कोई कार्यवाही नहीं की गई, ऐसा क्यों ? व्यवस्था को इसका उत्तर देना आवश्यक है ।