सर्वोच्च न्यायालय का स्पष्टीकरण
नई देहली – अनुसूचित जाति-जनजाति के अंतर्गत व्यक्ति की जाति का उल्लेख न करते से हुए किया गया अनादर, यह ‘अनुसूचित जाति-जनजाति के अत्याचार प्रतिबंधक कानून १९८९’ के अंतर्गत अपराध प्रमाणित नहीं होगा, ऐसा निर्णय सर्वोच्च न्यायालय ने एक प्रकरण में दिया है ।
CLARIFYING THE LAW
Not every hurtful comment or insult towards a Scheduled Caste or Scheduled Tribe person is a criminal offense under the SC/ST Act.
– Supreme Court Of India👉 The law aims to prevent atrocities, not stifle free speech.pic.twitter.com/oeRvovwDY1
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) August 25, 2024
ऑनलाईन मलयालम समाचार-वाहिनी के संपादक शाजन स्कारिया को बंदी बनाने से पूर्व जामीन (प्रतिभू) सम्मत करते समय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा यह निर्णय दिया गया है । स्कारिया ने माकपा के दलित विधायक पी.वी. श्रीनिजन को ‘माफिया डॉन’ कहा था । इस प्रकरण में कनिष्ठ न्यायालय एवं केरल उच्च न्यायालय ने उन्हें बंदी बनाने से पूर्व जामीन (प्रतिभू) देने से मना किया था ।