बदलापुर में हुए अत्याचार का प्रकरण
बदलापुर – बालिकाओं पर हुए अत्याचार के प्रकरण के आरोपी अक्षय शिंदे का आरोपपत्र लेने से कल्याण न्यायालय के अधिवक्ताओं ने इन्कार किया है । साथ ही बदलापुर रेलवे पुलिस द्वारा बंदी बनाए आंदोलनकारियों पर प्रविष्ट गैरजमानती अपराधों के विरोध में भी अधिवक्ता आक्रामक हुए हैं । ‘आंदोलनकारियों पर लगे अपराध वापस लें’, ऐसी मांग उन्होंने की है ।
Mumbai : Kalyan Court lawyers refuse to take up the case of the accused in the #BadlapurSchoolCrime
‘We are adopting this stance to prevent notorious offenders from being released back into society.’ – Kalyan Bar Association takes a strong positionpic.twitter.com/qQub8X7Wze
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) August 21, 2024
अधिवक्ताओं के संगठन की ठोस भूमिका !समाज के लिए घातक आरोपी बाहर ही न आ पाएं, इसलिए हमने ऐसी भूमिका ली ! अधिवक्ताओं ने बताया, “हमने जो भूमिका परसो ली, वही आज और कल होगी । बदलापुर में हुआ कृत्य निंदनीय है । जानवरों को भी लज्जा आ जाए, ऐसा कृत्य है । साढे तीन वर्ष की बालिका की आयु कंधों पर खेलने की होती है । ऐसी बालिकाओं का बलात्कार करना , अत्यंत निन्दनीय है। ऐसे आरोपियों का समाज में रहना ही समाज के लिए अतिशय घातक है । इसलिए ऐसे आरोपी बाहर ही न आ पाएं ,ऐसा हमें प्रयत्न करना आवश्यक है । इस कारण हमारे संगठन ने निर्णय लिया है कि, बलात्कार के प्रकरण में आरोपी का वकालतनामा स्वीकार ही नही करना है।” |