कोलकाता में हुई महिला आधुनिक वैद्य (डॉक्टर) की हत्या के संदर्भ में ‘इंडियन मेडिकल एसोसिएशन’ के अध्यक्ष का खुला पत्र !
नई देहली – आधुनिक वैद्य (डॉक्टर) की रक्षा करनेवाले कानूनों में सुधार कर उन्हे सक्षम बनाना चाहिए ! भारतीय न्याय संहिता अधिक सशक्त होनी चाहिए । भारतद्वेषी षड्यंत्रों के (‘डीप स्टेट’ के) स्वाधीन नहीं होना चाहिए । ‘इंडियन मेडिकल एसोसिएशन’ के अध्यक्ष आर्.वी अशोकन् ने ऐसा वक्तव्य दिया । कोलकाता में ३१ वर्षीय महिला आधुनिक वैद्य (डॉक्टर) पर हुए सामूहिक बलात्कार तथा हत्या के प्रकरण के संदर्भ में अशोकन् ने अपनी भावनाएं व्यक्त की । ९ अगस्त रात्रि कोलकाता में प्रसिद्ध आर्.जी. कर वैद्यकीय महाविद्यालय एवं चिकित्सालय में यह घटना घटी थी । इसके निमित्त अशोकन् ने यह खुला पत्र लिखा है ।
अशोकन् ने आगे कहा कि,
१. पीडिता की मृत्यु के पश्चात १० लाख मोमबत्तियां जलाई गईं । युद्ध के सहस्रों ढोल बजाए गए । मानो प्रत्येक भारतीय परिवार ने अपनी बेटी गंवाई । माताओं का क्रोध अनियंत्रित हुआ । पिता मौन होकर रोए ।
२. सबसे पूर्व कनिष्ठ पद पर स्थित स्नातकोत्तर आधुनिक वैद्य (रेसिडेंट डॉक्टर) मार्ग पर उतरे । अगले ७ दिन तक वे सोए नहीं । उनकी जागरूकता तथा अग्निशक्ति ही राष्ट्र की आशा है । वे सप्ताह में १०० घंटे काम करते हैं । उन्होंने विरोध की परवाह नहीं की ।
३. आधुनिक वैद्य (डॉक्टर) अनाथ नहीं हैं । स्वतंंत्रता प्राप्त हुए ७७ वर्ष हो गए । आधुनिक वैद्यों (डॉक्टर) की रक्षा करने के लिए सक्षम कानूनों की आवश्यकता है ।