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मुंबई – देश में एक ‘मुस्लिम सेंट्रल बोर्ड’ की स्थापना की जानी चाहिए, जिसमें कुर्बानी में रुचि रखने वाले लोगों को सम्मिलित किया जाए। इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा ने यहां एक कार्यक्रम में मांग की कि सभी मुसलमानों को इस बोर्ड के निर्णय को आंख बंद करके स्वीकार करना चाहिए । इस अवसर पर समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी समेत कई अन्य नेता और मुस्लिम धर्मगुरु उपस्थित थे । इस आयोजन का नाम ‘मुस्लिम लीडरशिप समिट 2024’ था । अध्यक्षता मौलाना खलीलुर्रहमान सज्जाद नोमानी नदवी ने की । कार्यक्रम का आयोजन मुस्लिम वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से किया गया था ।
मुसलमानों को दोयम दर्जे/ द्वितीय श्रेणी का नागरिक बनाया जा रहा है !
तौकीर रजा ने आगे कहा कि मुसलमानों को अपने अस्तित्व की चिंता करनी चाहिए । आरोप है कि देश में मुसलमानों को दोयम दर्जे/ द्वितीय श्रेणी का नागरिक बनाया जा रहा है । उन्हें दु:ख है कि देश में मुसलमानों का कोई मान सम्मान नहीं है । यह अत्यंत दुखद है कि मुसलमानों पर लव जिहाद का आरोप लगाया जाता है और सबसे दुखद यह है कि यह देश दायित्व हीन लोगों के हाथों में चला गया है।
शिया धर्मगुरु ने रजा को हर मुस्लिम के घर जाने की सलाह दी !
शिया (मुसलमानों का एक संप्रदाय) मौलवी सैफ अब्बास ने तौकीर रजा के वक्तव्य की आलोचना करते हुए कहा कि वह जो कह रहे हैं वह सही है; किंतु पहले उन्हें स्वयं आगे आकर एक-एक मुसलमान के घर जाना चाहिए तब फिर बोलना चाहिए। यह सत्य है कि वर्तमान समय में मुसलमानों के पास कोई एक नेता नहीं है और एक ही नेता हो भी नहीं सकता। लव जिहाद जैसी कोई बात नहीं है । (यदि ऐसा है तो मुस्लिम युवक हिन्दू लडकियों को प्यार के जाल में फंसाते समय अपना असली नाम छिपाकर स्वयं को हिन्दू क्यों बताते हैं ? वे हिन्दू लडकियों का धर्म परिवर्तन क्यों करते हैं ? उनसे बलपूर्वक विवाह क्यों करते हैं ? अब्बास इस बारे में चुप क्यों हैं ? ऐसे कृत्य करने वाले मुस्लिम युवको को वह रोकते क्यो नही ? संपादक)
इस्लामिक राष्ट्र के मानने वालों को संविधान की सीमा में रहना सिखाया जाएगा ! – भाजपा की चेतावनी
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला ने कहा, तौकीर रजा की १०० पीढ़ियों के पश्चात भी, भारत में कोई ‘गजवा-ए-हिंद’ (भारत का इस्लामीकरण) नहीं होगा। उन्होंने कहा कि जो लोग भारत को इस्लामिक राष्ट्र मानते हैं उन्हें संविधान की सीमा में रहना सिखाया जाएगा । देश में मुसलमानों को भड़काने वालों में तौकीर रजा सबसे दायित्वशून्य व्यक्ति (गैरजिम्मेदार) हैं। ऐसे लोगों से संविधान की सीमा में ही निपटा जाएगा।
तौकीर रजा ने पहले भी दिए थे आपत्तिजनक वक्तव्य !१. तौकीर रजा ने ज्ञानवापी के बारे में कहा था कि उन्होंने अयोध्या प्रकरण पर सभी झूठ सहन किया; लेकिन अब यह सहन नहीं होगा । फव्वारे को शिवलिंग मानकर कानून एवं धर्म का उपहास किया जा रहा है। २. वर्ष २०२४ में आयोजित एक बैठक में रजा ने चेतावनी दी कि जिस दिन मुस्लिम युवा कानून अपने हाथ में लेने को बाध्य हो जाएंगे, उस दिन भारत में हिन्दुओं के पास छिपने के लिए स्थान नहीं बचेगा । ३. वर्ष २००७ में बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन के विरोध मे फतवा जारी किया गया था । उन्होंने घोषणा की थी कि ‘तस्लीमा का सिर काटने वाले को ५ लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा ।’ संपादकीय भूमिकाऐसे कट्टर नेता को अभी तक बंदी बनाकर कारागृह में क्यों नहीं डाला गया ? क्या एक भी हिन्दू नेता बांग्लादेश, पाकिस्तान जैसे इस्लामिक देशों में मुसलमानों के विरोध मे बोल सकता है ? |
संपादकीय भूमिका
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