सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से देहली एवं उत्तर प्रदेश के मथुरा, नोएडा एवं फरीदाबाद (हरियाणा) में २१ जुलाई को भावपूर्ण वातावरण में गुरुपूर्णिमा महोत्सव संपन्न हुआ । महोत्सव का आरंभ श्री व्यास पूजन से हुआ । इस अवसर पर सनातन संस्था के प्रेरणास्रोत प.पू. भक्तराज महाराजजी की प्रतिमा का पूजन किया गया । इस अवसर पर देहली में हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. नरेंद्र सुर्वे, मथुरा में समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी, नोएडा में समिति के श्री. श्रीराम लुकतुके तथा फरीदाबाद में समिति के श्री. कार्तिक साळुंके ने उपस्थित जिज्ञासुओं को संबोधित किया । इन गुरुपूर्णिमा महोत्सवों में हिन्दुत्वनिष्ठों द्वारा जिज्ञासुओं को किया गया मार्गदर्शन यहां दे रहे हैं ।
देहली (दिल्ली)
हिन्दू संस्कृति की आध्यात्मिक धरोहर संजोएं ! – सूर्या रॉय, इतिहास शोधकर्ता व आई.टी. प्रोफेशनल
‘‘वर्तमान समय में हिन्दू अपनी संस्कृति से दूर जा चुके हैं । श्रीमद्भागवत में द्वारका का उल्लेख है । भारतीय पुरातत्व विभाग के शोधकार्य में हिन्दुओं के इस पौराणिक नगर के विषय में बहुत जानकारी मिली है तथा प्रमाण भी मिले हैं । हमें अपने बच्चों के साथ ऐसे तीर्थस्थलों पर जाना चाहिए, जिससे नई पीढी को भी हिन्दू संस्कृति तथा हमारी आध्यात्मिक धरोहर की जानकारी मिलेगी’’, श्री. रॉय ने ऐसा प्रतिपादन किया ।
नोएडा (उत्तर प्रदेश)
वर्तमान समय में राष्ट्र को गुरु-शिष्य परंपरा की आवश्यकता है ! – मनोशी सिन्हा रावल, सुप्रसिद्ध लेखिका
सुप्रसिद्ध लेखिका मनोशी सिन्हा रावल ने कहा, ‘‘वैदिक काल में गुरु-शिष्य परंपरा के अंतर्गत शिष्यों को उत्तम संस्कार दिए जाते थे । इसलिए वे राष्ट्र, धर्म एवं संस्कृति का अच्छे से पालन करते थे । हमें तथा हमारे राष्ट्र को इसी प्रकार की शिक्षा की आवश्यकता है । जन्म के समय माता-पिता गुरु होते हैं । जब हम पाठशाला जाते हैं, उस समय शिक्षक गुरु होते हैं तथा हमारी आध्यात्मिक उन्नति हेतु हमें आध्यात्मिक क्षेत्र के उन्नत गुरु की आवश्यकता होती है ।’’ नोएडा के श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर में आयोजित गुरुपूर्णिमा महोत्सव में उन्होंने उपस्थित जिज्ञासुओं का संबोधन किया ।
मथुरा (उत्तर प्रदेश)
रामराज्य के रूप में हिन्दू राष्ट्र आने से पहले आपातकाल आना निश्चित है ! – सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी, राष्ट्रीय मार्गदर्शक, हिन्दू जनजागृति समिति
‘‘रामराज्य आने से पूर्व रावण का वध होना विधि का विधान था । रावण का वध होने के उपरांत ही रामराज्य की स्थापना हुई । उसी प्रकार से अब भी रामराज्य के रूप में हिन्दू राष्ट्र के आने से पूर्व आपातकाल आना निश्चित है । ३-४ वर्ष पूर्व हमने कोरोना महामारी की विभीषिका का अनुभव किया था । विश्व स्तर पर भी पिछले ३-४ वर्ष से निरंतर युद्धजन्य स्थिति बनी हुई है । वर्तमान समय में रशिया-यूक्रेन एवं इजरायल-हमास के मध्य युद्ध जारी है । इरान के संदर्भ में तनाव की स्थिति है । संक्षेप में कहा जाए, तो तीसरे विश्वयुद्ध की चिंगारी कब भडक जाए, कहा नहीं जा सकता । इस आपातकाल के संदर्भ में त्रिकालदर्शी संतों तथा भविष्यवक्ताओं ने भी बताया है । एक संत ने तो ऐसा भी कहा है कि ‘इस काल में पंचमहाभूतों का रौद्र रूप देखने को मिलेगा ।’ हम सभी विगत कुछ वर्षाें में बिगडते ऋतु चक्र का अनुभव कर रहे हैं । इसलिए इस आपातकालीन स्थिति पर विजय प्राप्त करने के लिए हममें आध्याात्मिक साधना का बल होना आवश्यक है’’, हिन्दू जनजागृति समिति के मार्गदर्शक सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी ने ऐसा मार्गदर्शन किया । मथुरा के श्रीजी बाबा सरस्वती (वि.प्र.) महाविद्यालय में आयोजित गुरुपूर्णिमा महोत्सव में मार्गदर्शन करते हुए वे ऐसा बोल रहे थे ।
फरीदाबाद (हरियाणा)
अभिभावकों ने धर्माचरण किया, तो हिन्दू राष्ट्र की स्थापना शीघ्र होगी ! – अधिवक्ता मणि मित्तल, सर्वाेच्च न्यायालय
पुराने फरीदाबाद के श्री बांके बिहारी मंदिर में आयोजित गुरुपूर्णिमा महोत्सव को संबोधित करते हुए सर्वाेच्च न्यायालय की अधिवक्ता मणि मित्तल ने कहा, ‘‘आज का समाज सामाजिक माध्यमों से भली-भांति अवगत है तथा उसके कारण समाज में विकृति बढ गई है । सामाजिक माध्यमों पर फैली हुई अराजकता से पारिवारिक व्यवस्था खंडित हो रही है । हिन्दी फिल्में, सामाजिक माध्यम तथा जालस्थलों से केवल हिन्दू परिवार प्रभावित हुए हैं । इस स्थिति में परिवर्तन लाने हेतु अभिभावकों को स्वयं धर्माचरण करना आवश्यक है । उन्होंने धर्माचरण किया, तो उनके बच्चे भी उनका अनुकरण करेंगे तथा उससे हिन्दू राष्ट्र की स्थापना शीघ्र होगी ।’’
नटवा (वाराणसी) गांव की शिवपुरी वाटिका में गुरुपूर्णिमा महोत्सव का आयोजन
नटवा (उत्तर प्रदेश) – वाराणसी के नटवा गांव की ‘शिवपुरी वाटिका’ में गुरुपूर्णिमा महोत्सव का आयोजन किया गया । इस गुरुपूर्णिमा में सनातन संस्था की श्रीमती रिता पाठक ने उपस्थित जिज्ञासुओं को संबोधित किया । इस महोत्सव में १३० जिज्ञासु उपस्थित थे । शिवपुरी वाटिका के मालिक के भाई श्री. भाई राधेश्याम अग्रहरी ने कार्यक्रम की व्यवस्था की प्रशंसा करते हुए कहा, ‘‘वाटिका की किसी भी वस्तु का आप निःशुल्क उपयोग कर सकते हैं ।’’ शिवपुरी वाटिका के मालिक श्री. सीताराम अग्रहरी को कार्यक्रम बहुत अच्छा लगा । उन्होंने विनम्रतापूर्वक पूछा कि साधकों को कोई असुविधा तो नहीं हुई न ?
लक्ष्मणपुरी के गुरुपूर्णिमा महोत्सव में २०० से अधिक जिज्ञासुओं की उपस्थिति !
लक्ष्मणपुरी (उत्तर प्रदेश) – यहां के सेंट जोसफ इंटरनेशनल स्कूल में हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से गुरुपूर्णिमा महोत्सव का आयोजन किया गया । इस अवसर पर समिति के उत्तर प्रदेश एवं बिहार राज्य समन्वयक श्री. विश्वनाथ कुलकर्णी ने जिज्ञासुओं का मार्गदर्शन किया । २०० से अधिक जिज्ञासुओं ने इस कार्यक्रम का लाभ उठाया ।
मार्गदर्शन करते हुए जन उद्घोष सेवा संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री. कुलदीप तिवारी ने कहा कि ‘‘प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट के कारण काशी, मथुरा में स्थित जैसे हजारों मंदिर वापस लेने का कानूनी अधिकार हमसे छीन लिया गया है । इसे निरस्त करने के लिए बडे जन आंदोलन की आवश्यकता है ।
क्षणिकाएं
१. कार्यक्रम का संपूर्ण आयोजन, प्रसार हेतु आए साधकों के निवास एवं भोजन की व्यवस्था आदि का दायित्व लक्ष्मणपुरी के डॉ. शुभम शुक्ला एवं श्री. कमलेश गुप्ता ने उठाया ।
२. गोरखपुर के धर्मप्रेमी श्री. धीरेंद्र पांडे १० घंटे की यात्रा कर गुरुपूर्णिमा की सेवा करने आए थे ।
३. कार्यक्रम के उपरांत हुइ बैठक में लगभग २५ हिन्दू धर्मप्रेमियों ने भाग लिया । इसमें उन्होंने संगठितरूप से हिन्दू राष्ट्र की स्थापना हेतु कार्य करने का निर्णय लिया ।