राष्ट्रीय जांच एजेंसी के आरोप पत्र से स्पष्ट !
छत्रपति संभाजीनगर – जिहादी आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट का नेटवर्क छत्रपति संभाजीनगर में भी फैल गया है। कम से कम ५० मुस्लिम युवक इस आतंकी संगठन के संपर्क में है। १५ फरवरी २०२४ को मोहम्मद ज़ोएब खान (३५ वर्ष) को एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) ने शहर के हरसुल क्षेत्र के बेरीबाग परिसर से बंदी बनाया था। उनके विरोध मे 12 जुलाई को मुंबई की एनआईए कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया गया था। इसमें छत्रपति संभाजीनगर से इस्लामिक स्टेट की चल रही गतिविधियों के विषय में यह अचंभित करने वाली जानकारी सामने आई है।
50 Ji#adi youth from Chhatrapati Sambhajinagar in contact with ISIS – NIA chargesheet reveals
This proves that Chattrapati Sambhajinagar has become a hub for Ji#adi terrorists.
Since Ji#adi terrorism has spread even to the smallest of streets, the Government must take… pic.twitter.com/Q3Y03Rrtfu
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) July 13, 2024
१. जोयेब, एक आईटी इंजीनियर, को मोहम्मद शोएब खान ने भर्ती किया था, जिसने लीबिया से दुनिया भर में इस्लामिक स्टेट का नेटवर्क का विस्तार किया था। (ध्यान दें कि मुसलमान कितना भी पढ़ा-लिखा क्यों न हो, उसकी कट्टरता और जिहादीपन दूर नहीं होता ! – संपादक) जोयेब उसके लिए ‘स्लिपर सेल’ (आतंकवादियों का समर्थन करने वाला समूह) के रूप में काम कर रहा था।
२. शोएब ने जोएब की सहायता से देश के संवेदनशील स्थानों पर आक्रमण के लिए जिहादी युवाओं का एक समूह बनाया था।
३. भारत में बड़े जुगत लगाकर अफगानिस्तान या तुर्की भागने की योजना रची गई थी।आरोप पत्र में कहा गया है कि लीबिया का शोएब एवं छत्रपति संभाजीनगर का जोएब योजना के मुख्य सूत्रधार (मास्टरमाइंड) थे।
जोयेब का एक भाई भी आईटी इंजीनियर है तथा वह लीबिया में कार्यरत है !
जोयेब एक साधारण परिवार से है। फरवरी महीने में एनआईए ने जोएब को बंदी बनाया था और शहर में ९ जगहों पर छापेमारी की थी। वह विवाहित है तथा उसकी २ बेटियां हैं। उसके पिता एक सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी हैं। जोयेब बेंगलुरु में काम करता है। कुछ समय पूर्व ही वह ‘वर्क फ्रॉम होम’ कर रहा था । उनके २ भाई आखाती देशों में काम करते है। उनमें से एक आईटी इंजीनियर है जो लीबिया के एक संगठन में काम करता है जिसका इस्लामिक स्टेट का एक बड़ा नेटवर्क है।
भारत के अन्य युवाओं को जाल में फंसाने का दायित्व !
इस्लामिक स्टेट जैसे संगठन आतंकवादी गतिविधियों में भाग लेने के लिए ‘बायथ’ याने निष्ठा की प्रतिज्ञा देते है। इस्लामिक स्टेट का स्वयंभू खलीफा (प्रमुख) यह प्रतिज्ञा देता है। यह प्रतिज्ञा जोयेब ने भी ली थी। महाराष्ट्र और भारत के अन्य राज्यों से युवाओं को इस्लामिक स्टेट की तरफ आकर्षित करने का दायित्व था। जोयेब को उत्तेजित करने की सामग्री के साथ युवाओं को इस्लामिक स्टेट की ओर आकर्षित करने के लिए एक वेबसाइट बनाने का काम सौंपा गया था। वह छत्रपति संभाजीनगर में रहकर वह काम कर रहा था। वह अतिरेकी बनने के इच्छुक लोगों के लिए एक यंत्रणा सिध्द कर रहा था।
व्हाट्सएप ग्रुप पर आरंभ थी चैटिंग !
मोहम्मद शोएब खान द्वारा भरती किया गया महंमद जोयेब खान ने व्हाट्सएप ग्रुप बनाया था। जोयेब ने इस समूह में शहर के 50 युवकों को सम्मिलित किया। ग्रुप पर कई जगहों पर बड़े स्तर पर आक्रमणों के लिए विस्फोटक बनाने एवं आधुनिक विस्फोटक बनाने के वीडियो पोस्ट किए गए थे। आरोपपत्र में कहा गया, ‘उसने कार्यवाही का पूरा नियोजन भी सिद्ध किया गया था।’
संपादकीय भूमिकाइससे सिद्ध होता है कि छत्रपति संभाजीनगर जिहादी आतंकवादियों का केंद्र बन गया है। जब जिहादी आतंकवाद दिल्ली से गली तक पहुंच गया है तो सरकार को इसे रोकने के लिए आक्रामक कदम उठाने ही होंगे ! |